Tag: india
-
जन्मदिन पर विशेष: राजीव गांधी ने बनायी थी आधुनिक भारत के मकान की एक मंजिल
राजनीति निर्मम होती है। बेहद लोकप्रिय, सरल और सौम्य व्यक्ति भी कब आक्षेपों के थपेड़े में आ जाय कहा नहीं जा सकता है। 31 अक्टूबर 1984 को जब इंदिरा गांधी की अपने ही अतिसुरक्षित आवास में अपने ही सुरक्षा गार्ड के जवानों द्वारा हत्या कर दी गयी तो, राजीव को तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह…
-
भारतीय सिनेमा और दलित पहचान : भारत जैसे जातिग्रस्त समाज के लिए ज़रूरी है `पेरारियात्तवर`
(ऐतिहासिक तौर पर भारतीय सिनेमा ने जहाँ फ़िल्मों के निर्माण में दलितों के श्रम का शोषण किया है वहीं उनकी कहानियों को मिटाया और हड़पा है। यह सब अकस्मात न था। परदे पर जब उनकी कहानियाँ दिखलाई जातीं तो पितृसत्तात्मक, मर्दवादी और जातिवादी प्रच्छन्न भावों के साथ सवर्ण ही उनके क़िरदारों को निभाते। यह परिदृश्य…
-
अंतिम किस्त: भारत को नए विभाजन की ओर धकेल रहे हैं मोदी
आरएसएस ने अपने को आज़ादी की लड़ाई से सिर्फ अलग ही नहीं रखा, बल्कि आजादी के लिए बलिदान करने वाले लोगों की तिरस्कारपूर्वक खिल्ली भी उड़ाई। संघ की निगाह में ऐसे लोग बहुत ऊंचा स्थान नहीं रखते। संघ का मानना है कि जिन लोगों ने संघर्ष करते हुए अपना बलिदान कर दिया है, निश्चित रूप…
-
अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता-वापसीः अमेरिका की मजबूरी, समर्पण या किसी नये षड्यंत्र का प्रकल्प?
अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान की वापसी को लेकर कुछ भारतीय मीडिया प्लेटफार्म्स और कथित सामरिक विशेषज्ञ बेवजह भ्रम फैला रहे हैं। उन्हें यह तालिबान के समक्ष अमेरिका के समर्पण जैसा कुछ लग रहा है। कुछ को इसमें वियतनाम की छवि दिखाई दे रही है, मानो वियतनामियों की तरह तालिबान ने लड़ते हुए अमेरिकी सैनिकों…
-
मोदी के न्यू इंडिया का मकसद भारत को भूत के अंधेरे में ले जाना है: सीताराम येचुरी
“मोदी के न्यू इंडिया का मकसद आजादी के बाद भविष्य के उजाले की तलाश में लगे भारत को भूतकाल के अँधेरे में ले जाना है। आज की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि संवैधानिक व्यवस्था को ध्वस्त करने की आरएसएस और भाजपा की साजिशों से देश को किस तरह बचाया जाए।” यह बात शैलेन्द्र शैली…
-
चार ट्वीट्स से समझें अफगानिस्तान पर हिन्दुस्तान में बेचैनी क्यों?
अफगानिस्तान के संकट को लेकर हिन्दुस्तान बेचैन है। इस बेचैनी के कई आयाम हैं। कई किस्म की बेचैनियों का उदाहरण बन रहा है भारत। बेचैनियों की ये अलग-अलग वजहें एक-दूसरे से तकरार को या तो जन्म दे रही हैं या फिर तकरार के ये कारण पहले से इस धरती पर मौजूद हैं और अब अफगान…
-
क्या भारत में धर्मनिपेक्षता अतीत का अवशेष बन गई है ?
करोड़ों भारतीय आतुर थे कि हमारे देश के खिलाड़ी टोक्यो ओलम्पिक में शानदार प्रदर्शन करें और अधिक से अधिक संख्या में पदक लेकर स्वदेश लौटें। अनेक भारतीय खिलाड़ियों ने दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित खेल स्पर्धा में पदक जीते। परन्तु इस सफलता का उत्सव मनाने की बजाय कुछ लोग विजेताओं की जाति और धर्म का पता…
-
भारत अफ़गानिस्तान में सैन्य उपस्थिति दर्ज़ करता है तो उसके लिए अच्छा नहीं होगा:तालिबान
“अफ़गान लोगों या राष्ट्रीय परियोजनाओं की मदद करते रहे हैं। वे इसे अतीत में करते थे। मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जिसकी सराहना की जाती है। लेकिन अगर वे (भारत) अफगानिस्तान में सैन्य उपस्थिति दर्ज़ करते हैं और उनकी मौजूदगी होती है तो मुझे लगता है कि यह उनके लिए अच्छा नहीं…