शब्दों की रौशनी से मिली आज़ादी कहां गई?

लाल किले के प्राचीर से हर साल देश के प्रधानमंत्री 15 अगस्त को इस बात का बखान करते हैं कि…

कहाँ नेहरू और बोस की ईगो… और कहाँ उसकी ईगो?

बात 1937 की है। महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और नेताजी सुभाष चंद्र बोस कलकत्ता में रवींद्र नाथ टैगोर से…

पुस्तक समीक्षाः देश के लोग हैं असल ‘भारत माता’

वर्तमान लोकतांत्रिक भारत राष्ट्रवाद के जिस रास्ते पर चल रहा है, उसमें ‘भारत माता’ के नाम का इस्तेमाल असहमति रखने…

अंग्रेजों के सेडिशन कानून में बसती है बीजेपी की आत्मा!

सेडिशन, धारा 124A के अनेक मुकदमों में सबसे ताज़ा और विवादास्पद मुकदमा दिशा रवि का है, जिन्हें किसान आंदोलन 2020…

नेहरू की बनाई नींव पर खड़ी हुई भारतीय लोकतंत्र की बुलंद इमारत

एक बार नेहरू से किसी ने पूछा कि भारत के लिए उनकी विरासत क्या होगी, तो उन्होंने उत्तर दिया, “यकीनन…

भगत सिंह का सपना आज़ादी से कहीं आगे साम्राज्यवाद के नाश का था

2018 में, कर्नाटक के चुनाव में प्रधानमंत्री बीदर में अपनी चुनाव रैली कर रहे थे। उन्होंने कहा, “जब शहीद भगत…

राष्ट्रवाद के साथ धर्म भी बन गया है धूर्तों के चेहरे का मुखौटा!

जिस किसी ने भी कहा था कि राष्ट्रवाद धूर्तों की आख़िरी पनाहगाह है, उसे उस दूसरी चोर गुफा का अंदाजा…

कन्हैया कुमार पर राजद्रोह के मुक़दमे की अनुमति और राजद्रोह का कानून

दिल्ली सरकार ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष और कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कन्हैया कुमार के विरुद्ध दर्ज सेडिशन…

नेताजी सुभाष चंद्र बोस : राजनेता और विचारक

आज़ादी के बाद के दशकों में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक रूढ़ छवि गढ़ दी गई। एक सेनानायक की…

साझे सपनों का दस्तावेज़ भारतीय संविधान

‘भारतीय संविधान सिर्फ एक कागज का दस्तावेज़ नहीं है यह एक नागरिक दस्तावेज़ है इसकी हिफाजत करना हम सभी भारतीयों…