अकारण नहीं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भीतर का सपनों का सौदागर एक बार फिर जाग उठा है। 2014 में उनके भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने के बाद से ही यह परम्परा-सी बन गई है...
कल (1 अक्तूबर 2019)
'हिंद स्वराज :
नवसभ्यता विमर्श' के लेखक
वीरेंद्र कुमार बरनवाल के साथ कार में कुछ देर सफ़र करने का अवसर मिला। हम दोनों को
दिल्ली विश्वविद्यालय के दक्षिण परिसर जाना था, जहां उन्हें 'गांधी और साहित्य' विषय पर बोलना...