Friday, April 26, 2024

justice

डीयू में बेचैन की हिंदी के विभागाध्यक्ष पद पर नियुक्ति रोक कर की जा रही है सामाजिक न्याय की सांस्थानिक हत्या

(विगत कुछ दिनों से मैं लगातार डीयू के हिन्दी विभाग में नए विभागाध्यक्ष (हेड ऑफ डिपार्टमेन्ट- HoD) की नियुक्ति को लेकर चल रहे तमाशे से रूबरू कराता रहा हूँ। अब पूरी दास्ताँ सुनिए।) दिल्ली विश्वविद्यालय का हिन्दी विभाग सन 1948 से अस्तित्व...

बहुजन राजनीति को अलविदा कहने का वक्त

(स्वराज अभियान की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य अखिलेंद्र प्रताप सिंह ने 29 सितंबर को सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली के जिला कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। पेश है उनका पूरा संबोधन- संपादक) 90 के दशक से शुरू हुई बहुजन राजनीति अपने चरित्र...

नियमों और कानूनों को ताक पर रखकर हो रहा है पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का संचालन

क्या न्यायपालिका के कतिपय न्यायाधीश स्वेच्छाचारी हो गये हैं? उन पर क्या न्यायिक अनुशासन नहीं लागू होता? इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश एस एन शुक्ला एक मामले में स्वेच्छाचारी आदेश पारित करने के कारण उच्चतम न्यायालय के राडार...

‘जजों का तबादला उनके खिलाफ शिकायतों का समाधान नहीं’

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर की पीठ ने जस्टिस अकील कुरैशी की पदोन्नति के मामले में कॉलेजियम की सिफारिश लागू करने के केंद्र को निर्देश देने के लिए गुजरात उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ की याचिका पर...

भारत में चल रहे कानून के वास्तविक चरित्र को परिभाषित करेगा बाबरी मस्जिद-राममंदिर मामला

सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद विवाद पर अभी लगातार सुनवाई चल रही है। इस देश में एनआरसी की जंग को छेड़ने वाले अभी के मुख्य न्यायाधीश की अगुआई की पांच सदस्यों की संविधान पीठ इसमें लगी हुई है। मुख्य न्यायाधीश नवंबर...

मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं ट्रिब्यूनल: जस्टिस लोकुर

(असम में जारी एनआरसी की प्रक्रिया पर एक स्वतंत्र जन पंचाट गठित किया गया था। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस एपी शाह, राजदूत देब मुखर्जी, सुश्री गीता हरिहरन, डॉ. सईदा हमीद,...

आरक्षण विरोधी पण्डों व पुष्कर से दूर रहें आरक्षित कौमें

कुछ लोग लाईलाज़  बीमारियों से ग्रस्त हैं, लेकिन उनको पता भी नहीं है कि उनको रोग है, वे अपनी बीमारी को अपनी विशिष्टता निरूपित करते हैं। ये ऐसे लोग हैं जो खुद सदियों से मिले हुये जन्मना जातिगत आरक्षण से मिली पुरोहिताई...

जस्टिस राकेश कुमार ने फिर संभाला न्यायिक कार्य

न्यायपालिका में फैले भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दों पर न्यायिक आदेश जारी करने से चर्चा में आए पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राकेश कुमार को फिर से न्यायिक कार्य सौंप दिया गया है। जस्टिस राकेश कुमार ने  सोमवार से मुकदमों की...

एक न्यायिक आदेश से ही सामने आ गयी पटना हाईकोर्ट में व्याप्त सड़ांध

पटना हाईकोर्ट में आज उस समय हड़कंप मच गया जब न्यायालय के ही एक जज ने अपने ही सहकर्मियों के फैसलों पर सवाल खड़ा कर दिया। इतना ही नहीं इस बीच उन्होंने धड़ाधड़ कई फैसले सुना दिए जो पूरे न्यायालय के...

विश्वसनीयता खोती जा रही है कॉलेजियम प्रणाली

उच्चतम न्यायालय और देश के उच्च न्यायालयों  में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वयं बनाई गयी कॉलेजियम प्रणाली अपारदर्शिता ,पक्षपात , भाई भतीजावाद और राजनीतिक पूर्वाग्रहों के कारण लगातार अपनी विश्वसनीयता खोती जा रही है ,जिस पर न्यायपालिका के अंदर से भी आवाजें उठनी...

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गैर-बराबरी के मुद्दे पर गुमराह करने में जुटे मोदी

इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन के पुनर्वितरण की सोच को निशाने पर लिया है। वे तथ्यों का...