Thursday, June 8, 2023

Jyotirao Phule

फुले दंपत्ति का स्वप्न और दलितों-पिछड़ों और महिलाओं की वर्तमान स्थिति

हाल में मैंने फॉरवर्ड प्रेस, दिल्ली द्वारा प्रकशित जोतिराव फुले की पुस्तक ‘गुलामगिरी' का हिंदी अनुवाद और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले पर केन्द्रित ‘सावित्रीनामा' पढ़ा। इन दोनों पुस्तकों के पढने के पहले तक मैं इस बात की कल्पना भी नहीं...

दलित लेखन : इतिहास की पुनर्व्याख्या

भारतीय समाज आदिकाल से ही वर्ण व्यवस्था द्वारा नियंत्रित रहा है। ऐसा माना जाता है कि जो वर्ण व्यवस्था प्रारंभ में कर्म पर आधारित थी कालान्तर में जाति में परिवर्तित हो गई। वर्ण ने जाति का रूप कैसे धारण...

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