मुस्लिम महिलाएं लैंगिक आधार पर भेदभाव न करने वाले कानूनों के पक्ष में हैं, पर मुस्लिम महिला समूह जानते हैं कि महिलाओं को मुस्लिम पर्सनल लॉ और हर उस शै, जो मुस्लिम है, का खलनायकीकरण करने वाली राजनीति से...
रांची से लगभग 150 किमी दूर सिमडेगा में बेसराजरा बाजार टांड़ के पास पिछली 4 जनवरी 2022 को एक युवक संजू प्रधान उर्फ भौवा को सैकड़ों ग्रामीणों ने उसके घर के बाहर ही जिंदा जलाकर मार डाला।घटना के बारे...
19 नवंबर को किसान आंदोलन के दबाव में तीन कृषि कानूनों को एक तरफा प्रधानमंत्री द्वारा घोषणा करके वापस लेने का ऐलान किया था। तो मैंने पहली टिप्पणी लिखते हुए कहा था कि, सावधानी हटी दुर्घटना घटी। उस टिप्पणी...
बहुत प्रयास करने के बाद भी किसान आंदोलन की सफलता के जश्न में शामिल न हो पाया। सिर्फ इतना ही नहीं जश्न मना रहे किसान नेताओं और बुद्धिजीवियों को कौतूहल, आश्चर्य एवं करुणा मिश्रित दृष्टि से देखता भी रहा।...
यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार अपने सुशासन यानि गुड गवेर्नेंस का ढोल पीटती रही है और विधानसभा के आसन्न चुनावों के दौर में सुशासन यानि गुड गवेर्नेंस का ढोल पीटने की तीव्रता बहुत ज्यादा बढ़ गयी है।बड़े बड़े अख़बारों...
क्या आप जानते हैं किसानों कि बदहाली का बीज बोया था या दूसरे शब्दों में कहें तो किसानों का कब्रिस्तान नव उदारवाद या आर्थिक उदारीकरण के प्रणेता तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने बनाया था और उन्हें उस...
तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के फैसले के बाद असम में एक बार फिर से सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के विरोध की आवाज गूंज रही है और राजनीतिक दलों सहित...
आखिर वह दिन आ ही गया जिसके लिए लाखों किसान पिछले डेढ़ साल से धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ संघर्ष कर रहे थे। उनकी सबसे प्रमुख मांगों को स्वीकार करने की घोषणा खुद प्रधानमंत्री को करनी पड़ी। इस...
आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मोदी सरकार द्वारा पिछले साल लाए गए तीन किसान-विरोधी कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने और अधिनियमित करने के लिए एक विधेयक को मंजूरी...
प्रधानमंत्री के कुछ किसानों को न मना पाने के कारण तीनों कानूनों को वापस नहीं लिया गया, बल्कि इसके पीछे का सही कारण है किसानों का दृढ़ता से डटे रहना। जबकि डरपोक मीडिया उनकी शक्ति और संघर्ष की सही...