Tag: Manto
जन्मदिन पर विशेष: मंटो होने का दर्द और जोखिम
यह मुकाम बहुत कम कलमकारों को हासिल है कि उनके जिक्र के बगैर साहित्य के इतिहास के कुछ पन्ने कोरे-से रह जाएं। बेशक उर्दू के [more…]
जब बेदी और मंटो में ख़तो-किताबत बंद हो गई
अफ़साना निगार राजिंदर सिंह बेदी का दौर वह हसीन दौर था, जब उर्दू अदब में सआदत हसन मंटो, कृश्न चंदर, इस्मत चुग़ताई और ख़्वाजा अहमद [more…]
पुण्यतिथिः कथ्य और संवेदना के स्तर पर मंटो के करीब है शानी का लेखन
शानी के मानी यूं तो दुश्मन होता है और गोयाकि ये तखल्लुस का रिवाज ज्यादातर शायरों में होता है, लेकिन शानी न तो किसी के [more…]
जयंती पर विशेष: हाशिये की महिलाओं की जुबान थीं इस्मत चुगताई
उर्दू और हिंदी की दुनिया में ‘इस्मत आपा’ के नाम से मशहूर इस्मत चुगताई की पैदाइश उत्तर प्रदेश के बदायूं शहर की है। अलबत्ता उनका [more…]
एक ज़िंदा कसक का नाम है मंटो, जो हमेशा बनी रहेगी
आज, 11 मई को उर्दू के अनोखे अफसानानिगार सआदत हसन मंटो का जन्मदिन है। उन्हें याद करते हुए पहले उनकी कहानियों के कुछ सियाह हाशिये [more…]
मंटो की जयंती पर विशेष: जो बात की, खुदा की कसम लाजवाब की
उर्दू अदब के बेमिसाल अफसानानिगार सआदत हसन मंटो, आज ही के दिन यानी 11 मई, 1912 को अविभाजित भारत में लुधियाना के छोटे से गांव [more…]