Friday, June 9, 2023

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अपने गांव गंगोली से बेइंतहा था राही मासूम रजा को प्यार

उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में एक जिला है ग़ाज़ीपुर। सोया हुआ, खामोश पर सरसब्ज़ और प्रतिभासंपन्न। गंगा इस इस ज़िले को सींचती हुयी गुज़रती हैं। इसी ज़िले के एक गाँव गंगौली में राही मासूम रज़ा का जन्म 1...

जयंती पर विशेष: राही का मानना था- देश के राजनीतिक-आर्थिक ढांचे में बसता है सांप्रदायिकता का भूत

‘‘मेरा नाम मुसलमानों जैसा है/मुझे कत्ल करो और मेरे घर में आग लगा दो/लेकिन मेरी रग-रग में गंगा का पानी दौड़ रहा है/मेरे लहू से चुल्लू भरकर महादेव के मुंह पर फेंको/और उस जोगी से यह कह दो/महादेव अब...

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अन्याय के एक हजार दिन, असहमति और आंदोलन से न्याय की उम्मीद!

नई दिल्ली। अन्याय के हजार दिन बीत गए। लेकिन ये न्याय के संघर्ष के भी हजार दिन हैं। लोगों...