Tag: migrant
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महामारी, भय और भयभीत राज्य-समाज
पिछले तीन महीने से पूरा विश्व कोरोना वायरस से उत्पन्न महामारी से जूझ रहा है। भारत में कोविद-19 महामारी के विकराल स्वरूप को क़रीब एक महीने पहले स्वीकार किया गया। जहाँ इस महामारी ने स्वास्थ्य संबंधी चिंता, और आर्थिक विपन्नता के प्रति लोगों को सशंकित किया है वहीं इसने एक भयनुमा माहौल को सर्वव्यापी बना…
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प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा के बिना कोरोना से लड़ाई में जीत नामुमकिन
लॉक डाउन के दूसरे चरण की घोषणा के बाद स्थान-स्थान पर घर लौटने के लिए व्याकुल प्रवासी मजदूरों के विशाल समूहों को सड़कों पर देखा जा रहा है। अब तक विशेषज्ञों का एक बड़ा वर्ग यह मान रहा था कि सरकार द्वारा लॉक डाउन के प्रथम चरण में भारत के लाखों प्रवासी श्रमिकों का ध्यान नहीं रखा…
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प्रशासनिक अक्षमता से भरा हुआ है सप्तपदी ब्रांड लॉक डाउन
मुंबई मे हज़ारों मज़दूर लॉक डाउन तोड़ कर सड़कों पर आ गए हैं और सारी सोशल डिस्टेंसिंग और फिजिकल डिस्टेंसिंग, की बातें धरी की धरी रह गयीं। इक्कीस दिनी लॉक डाउन के बाद यह प्रवासी कामगारों का तीसरा बड़ा लॉक डाउन उल्लंघन है। पहले दिल्ली, फिर सूरत और अब मुम्बई में प्रवासी कामगारों की भीड़…
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योर ऑनर ! भूखे-प्यासे घर से दूर कैसे जिंदा रहें प्रवासी मजदूर
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉक डाउन को तीन मई तक बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषणा करने के कुछ ही घंटे बाद मुंबई और सूरत की सड़कों पर बड़ी संख्या में भूखे प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए। खाने-पीने की मुश्किल और भूख से पीड़ित सभी…
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मुंबई में मजदूरों के विद्रोह के लिए मोदी जी के तुगलकी फरमान हैं जिम्मेदार!
प्रधानमंत्री द्वारा देशव्यापी लॉक डाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा के चंद घटों बाद ही मुंबई के उपनगर बांद्रा ( पश्चिम) में हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों का सड़कों पर उतर आना और अपने घर जाने के लिए परिवहन व्यवस्था की मांग करना और उसके बाद पुलिस द्वारा उनकी बर्बर तरीके से…
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हर जरूरतमंद परिवार को 10 हज़ार रुपये देकर भारत में टाला जा सकता है अनलॉक का खतरा
अमेरिका में कल एक दिन में होने वाली मौत का आंकड़ा 2000 के पार निकल गया-2100 और कुल मौतों का आंकड़ा भी दुनिया में सबसे ऊपर पहुंच गया 18860, इटली के 18849 से आगे। ठीक उसी दिन, ट्रम्प अजीब कश्मकश में हैं ! इंडियन एक्सप्रेस में वाशिंगटन से प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार जहां Medical Experts,…
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‘राष्ट्र’ या ‘महानता’ के संकल्पों में नहीं, कल-कारखानों और खेत-खलिहानों में बसता है देश
1970 में अपनी पहली छपी किताब ‘लोह कथा’ की पहली कविता ‘भारत’ में पाश ने लिखा था: भारत- मेरे सत्कार का सबसे महान शब्द जहाँ कहीं भी इस्तेमाल किया जाए बाकी सब शब्द अर्थहीन हो जाते हैं इस शब्द के भाव खेतों के उन पुत्रों से हैं जो आज भी दरख्तों के सायों से वक़्त…