Saturday, April 20, 2024

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वेतन, EMI और प्रवासी: मोदी सरकार के दावों की पोल खुलनी शुरू

कोरोना संकट को लेकर केन्द्र सरकार ने जनता को राहत देने के लिए तरह-तरह की घोषणाएँ कीं। वित्त मंत्री तो पाँच दिनों तक अपने पैकेज़ों का पिटारा खोलकर 21 लाख करोड़ रुपये की कहानियाँ सुनाती रहीं। शुरुआत में लगा...

पहले संज्ञान लिया होता तो श्रमिकों की इतनी दुर्दशा नहीं होती! योर आनर

उच्चतम न्यायालय का हृदयपरिवर्तन हो गया है और आज उच्चतम न्यायालय स्वयं को प्रवासी मजदूरों का हितैषी बता रहा है। शहरों से मजदूरों के पलायन को लेकर उच्चतम न्यायालय में दाखिल पांच जनहित याचिकाओं और अपीलों को खारिज करने...

जनचौक पर प्रकाशित खबर ने लाया रंग, बंधक बने झारखंड के मजदूरों को लाने अंडमान निकोबार जा रहा है प्लेन

रांची। अंडमान निकोबार में फंसे 150 से ज्यादा मजदूरों के बारे में जनचौक पर प्रकाशित खबर रंग लायी। मामले का झारखंड सरकार ने संज्ञान लेकर मजदूरों की घर वापसी के लिए तत्काल विमान भेजने का फैसला किया है। आज...

निर्धनता का न्यायशास्त्र

उन्होंने बॉर्डर पर पानी भरे लोटे में नमक डालते हुए कहा "जा रहे हैं अपने घर और फिर कभी लौट कर नहीं आयेंगे।” संकल्प कहने लगा "देश आज़ाद हो गया। मगर बंधुआ मजदूरी ख़त्म नहीं हुई। हम बंधुआ मज़दूरों...

बरसी पर विशेष: साल पूरा होते-होते टूटने लगा मोदी का मायाजाल

रेलवे प्लेटफार्म पर मृत मां को जगाने की कोशिश कर रहे बच्चे की तस्वीर ने नए भारत के चेहरे से नकाब हटा दिया है। प्लेटफार्म पर गाड़ी खड़ी है, महिला के असहाय परिवार वाले हैं और तमाशबीन भी, लेकिन...

गुलज़ार ने कविता के जरिये पूछा- ख़ुदा जाने, ये बटवारा बड़ा है, या वो बटवारा बड़ा था!

कोरोना से निपटने के नाम पर देश में 24 मार्च की रात को अचानक की गई लॉकडाउन की घोषणा ने असंख्य मज़दूरों को एक झटके में सड़क पर ला खड़ा किया था। फैक्ट्रियों और अपने किराये के दड़बों से...

प्रवासी मजदूरों के लिए फरिश्ता बन गए हैं 80 वर्षीय मुजीबुल्लाह

इंडियन एक्सप्रेस में कल फोटो के साथ एक खबर छपी थी कि एक 80 वर्षीय कुली 'मुजीबुल्लाह' चारबाग-लखनऊ रेलवे स्टेशन पर बिना पैसे लिए प्रवासी मजदूरों का सामान ढो रहे हैं। मैं और डेजी प्रवासियों के बीच कुछ राहत वितरण...

श्रमिक स्पेशल ट्रेनें, भटकी हैं या भटकाई गई हैं!

यह रहस्य ही रहेगा कि दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क वाले देश, जिसमें हजारों ट्रेनें निर्धारित रूट पर चलती हैं वहां कुछ सैकड़ा ट्रेनें कैसे भटकीं और मटकीं, दिख तो यह रहा है कि रेल भटकी हैं, लेकिन...

रेलवे की लापरवाही का खामियाजा आखिर क्यों भुगतें कामगार?

पिछले दो माह से लॉक डाउन की नौटंकी जारी है और अब कह रहे हैं कोरॉना के साथ ही जीना सीखें। करोड़ों कामगारों को सड़क पर मरने के लिए छोड़कर अब हाथ खड़े कर रहे हैं। इतनी बेशर्मी और...

शहर छोड़ने वाले मजदूरों को पीसने के लिए तैयार है गांव की जातिवादी चक्की

बिहार के गाँवों से बहुत सारे मज़दूर दो पैसा कमाने के लिए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों में पलायन करते हैं। कोरोना संकट के बाद अब वे मजबूरन घर लौट रहे हैं। मगर क्या गाँव उनको...

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भारी संख्या में मतदान बहिष्कार ने खोल दी विकास के दावों की पोल

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण का चुनाव अभियान राजनीतिक दलों और मतदाताओं की खामोशी के चलते अभूतपूर्व ढंग...