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राजनीति

मोदी जी, हथकड़ी प्रवासी भारतीयों के नहीं हमारे और आपके हाथ में लगी है!

पूरे देश के लिए कल 5 फरवरी का दिन कलंकित करने वाला था। 104 भारतीयों को जब कमर, हाथ और उनके पैरों में लोहे की [more…]

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राजनीति

मेरा गांव-मेरा देश: मध्ययुगीन मानसिकता व अधकचरा आधुनिकीकरण; दलित बस्तियां-दिल्ली और बसवा में!

स्मृतियों में गांव का निवास हमेशा ही रहा। कभी इसका विस्थापन नहीं हुआ। मेरा भौगोलिक विस्थापन ज़रूर हुआ था। पांचवें दशक के मध्य में गांव बसवा [more…]

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राज्य

पलायन बिहार में क्यों नहीं बन रहा चुनावी मुद्दा ?

भागलपुर। बिहार के भागलपुर स्थित चकरामी गांव के रहने वाले शत्रुघ्न लगभग पिछले 25 साल से हैदराबाद में रह रहे है। उन्हें याद नहीं है [more…]

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ज़रूरी ख़बर

महिलाओं के लिए श्रम और प्रवास को सुरक्षित और न्यायोचित न बनाने का अब कोई बहाना नहीं

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अर्थ व्यवस्था में महिला प्रवासी श्रमिक एक बड़ा योगदान देती आ रही हैं लेकिन वे स्वयं अनेक प्रकार की लैंगिक और यौनिक हिंसा और शोषण [more…]

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ज़रूरी ख़बर

ग्राउंड रिपोर्ट: पलायन के दर्द से गुजरता बोधगया का उचला गांव

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बोधगया। देश का दूर दराज़ ग्रामीण क्षेत्र आज भी बिजली, पानी, सड़क, अस्पताल और शिक्षा जैसी कई बुनियादी ज़रूरतों से जूझ रहा है। इसमें रोज़गार [more…]

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ज़रूरी ख़बर

ग्राउंड रिपोर्ट: मनरेगा मजदूरों को पलायन के रास्ते पर धकेल सकती है ऑनलाइन हाजिरी 

चंदौली, यूपी। संसद में वर्ष 2019-20 के बजट पर चर्चा करते हुए भारत के तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि [more…]

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बीच बहस

मुक्ति कामना का प्रतीक ‘द व्हाइट टाइगर’

एक सफेद शेर है जो पिंजरे में कैद है और उसकी बेचैनी, उसका गुस्सा और उसकी तड़प- सब एक तरफ और दुनिया के झंझट और [more…]

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बीच बहस

20 वर्षों का झारखण्ड : राजनीतिक महत्वाकाक्षाओं की भेंट चढ़ गए आदिवासियों के सपने

झारखंडी जनता की भावनाओं का राजनीतिकरण के साथ ‘धरती आबा’ यानी ‘धरती पिता’ की उपाधि हासिल किए बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर, 2000 को [more…]

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बीच बहस

बिहार के चुनाव मेले में क्या नहीं है?

बिहार एक राज्य जिसे 1970 के दशक में वीएस नायपॉल ने ‘वह स्थान जहां सभ्यता समाप्त होती है’ के रूप में वर्णित किया था, उसी [more…]

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राजनीति

पाटलिपुत्र की जंग: बिहार के नौजवानों का अपमानजनक पलायन और भूमि सुधार का प्रश्न?

बिहार में चुनावी माहौल गरम होता जा रहा है, एक से बढ़कर एक वादे किए जार रहे हैं, आरोपों-प्रत्यारोपों की बौछार हो रही है, विविध [more…]