Estimated read time 2 min read
संस्कृति-समाज

हिंदू राष्ट्रवाद का खौफ़नाक मंजर पेश करती है अरुंधति की किताब ‘आज़ादी’

अरुंधति रॉय भारत की उन चंद लेखकों में हैं, जिनकी समकालीन भारत की नब्ज़ पर उंगली है और जो भारत की हर धड़कन को कान [more…]

Estimated read time 0 min read
ज़रूरी ख़बर

मुस्लिम जोड़े को लव जिहाद के नाम पर पीटने वाले पुलिस अधिकारी हों निलंबित: शाहनवाज़ आलम

0 comments

लखनऊ। अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने कुशीनगर में हिन्दू युवा वाहिनी द्वारा फैलाये गए लव जिहाद की अफवाह पर पुलिस द्वारा मुस्लिम जोड़े [more…]

Estimated read time 1 min read
बीच बहस

लव जिहाद कानूनः लड़कियां जहाज तो उड़ा सकती हैं लेकिन नहीं चुन सकतीं मनपसंद जीवन साथी

अंततः उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बात की सार्वजनिक स्वीकारोक्ति कर ही ली कि वह बहुसंख्य हिंदू युवतियों को नासमझ, अपने हित-अनहित का निर्धारण कर [more…]

Estimated read time 1 min read
ज़रूरी ख़बर

प्रशासन में अविश्वास को बढ़ाने का काम करेगा लव जिहाद कानून

गत वर्ष अगस्त महीने में फरीदाबाद, हरियाणा के डीसीपी विक्रम कपूर ने मातहत इंस्पेक्टर के ब्लैकमेल से तंग आकर सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली [more…]

Estimated read time 1 min read
ज़रूरी ख़बर

नॉर्थ ईस्ट डायरी: उत्तर-पूर्व के भाजपा शासित राज्यों के सिर पर भी सवार हो रहा है लव जिहाद का भूत

आरएसएस और भाजपा को लगता है कि मुस्लिम विद्वेष और नफरत की राजनीति को जितना प्रोत्साहित किया जाएगा कूढ़मगज हिन्दू मतदाताओं को गुलाम बनाकर रखना [more…]

Estimated read time 1 min read
बीच बहस

‘लव जिहाद’ एजेंडा: महिलाओं की आजादी छीनना और मुसलमानों का दानवीकरण मुख्य मकसद

0 comments

प्रसिद्ध लेखिका माया एंजेलो ने लिखा है,“प्यार किसी के रोके नहीं रुकता। वह अवरोधों को लांघते हुए, दीवारों के ऊपर से छलांग लगाते हुए उम्मीदों [more…]

Estimated read time 1 min read
पहला पन्ना 

मौलाना कल्बे सादिक ने भारतीय सियासत में कभी अपनी दुकान नहीं चलाई

मौलाना कल्बे सादिक ऐसे समय में भारत के मुसलमानों को छोड़कर गये हैं, जब उनकी सबसे सख्त जरूरत थी। वह करीब एक साल से बीमार [more…]

Estimated read time 1 min read
बीच बहस

कानून सवार लव जिहाद बनाम समाज में लव आख्यान

जो वे राजनीति में देखना चाहते हैं, वही कमोबेश कानून व्यवस्था में भी करने वाले हैं। यानी हिन्दू-मुस्लिम! उनका बस चले तो एक समुदाय के [more…]

Estimated read time 2 min read
बीच बहस

बिहार चुनाव: क्या ओवैसी को वाकई में मुस्लिमों का साथ मिला है?

आम जनता की याददाश्त काफी कमजोर होती है, उसमें भी देश के मुसलमान बहुत जल्द भूलने के आदी हैं। 1992, 2002 के अलावा इस वर्ष [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

मुगलकाल में भी होता था दिवाली पर सबरंग माहौल

सदियों से हमारे देश का किरदार कुछ ऐसा रहा है कि जिस शासक ने भी सामंजस्यपूर्ण सहअस्तित्व की भावना से सत्ता चलाई, उसे देशवासियों का [more…]