सबसे पहले उर्मिलेश सर आपको इस बात के लिए शुक्रिया कि आपके चलते मैंने कोई किताब पढ़ी। पिछले चार सालों से पोर्टल की व्यस्तता के चलते न तो अलग से समय निकाल सका और न ही इसके लिए कोई...
विशेषांक का विशेष आकर्षण बीती सदी के सातवें दशक के प्रमुख कथाकार और लघु पत्रिका 'पहल' के संपादक ज्ञानरंजन का इंटरव्यू है। लेकिन इस इंटरव्यू में साक्षात्कारकर्ताओं (सवाल पांच लोगों ने तैयार किये हैं) ने ज्ञानरंजन से एक भी...
हिन्दी साहित्य के आकाश में नामवर सिंह उन नक्षत्रों में से एक हैं, जिनकी विद्वता का कोई सानी नहीं था। साहित्य, संस्कृति और समाज का कोई सा भी विषय हो, वे धारा प्रवाह बोलते थे। उनको सुनने वाले श्रोता...