पाप से घृणा करो पापी से नहीं, जाने कब से कहा बताया जाता रहा है। आधुनिक समाज में पाप की जगह अपराध और पापी की जगह अपराधी ने ले ली और लोग कहने लगे अपराध से घृणा करो अपराधी...
क्या सभी राजनीतिक दल अपराधियों को टिकट न देने और उनसे चुनाव में कोई सहायता न लेने पर संकल्पबद्ध हो सकते हैं ?
अगर नहीं तो अपराध पर ज़ीरो टॉलरेंस और भय मुक्त समाज की बात करना बंद कर दें।
यूपी...