अत्यंत पिछड़े वर्ग को मिले सामाजिक अधिकार
2 अक्टूबर 2017 को दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. रोहिणी के नेतृत्व में भारत सरकार ने चार सदस्यों के आयोग का [more…]
2 अक्टूबर 2017 को दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. रोहिणी के नेतृत्व में भारत सरकार ने चार सदस्यों के आयोग का [more…]
नई दिल्ली। सालों साल तक वामपंथी सरकार होने और दक्षिण भारत के समाज में सामाजिक न्याय के आंदोलन की मजबूती के बावजूद केरल में जातिगत [more…]
नई दिल्ली। कम से कम दो आईआईटी और तीन आईआईएम में सामान्य श्रेणी के शिक्षकों की संख्या 90 फीसदी से ज्यादा है। इसी तरह से [more…]
भारत के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन में ‘जातिगत जनगणना’ ने अब एक ज्वलन्त मुद्दे का आकार ले लिया है। वर्ना 119 साल में पहली [more…]
मेरी टाइलर एक ब्रिटिश महिला पत्रकार थीं। 70 के दशक में जब भारत के एक बडे़ भाग में; विशेष रूप से बंगाल में नक्सलवादी आंदोलन [more…]
नई दिल्ली। आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोला है। इस बार उन्होंने ओबीसी समुदाय की राष्ट्रीय संपत्ति में [more…]
राजस्थान के लोयरा गांव में शिक्षा के प्रसार से सामाजिक, शैक्षिक जागरूकता बढ़ी है। अधिक नागरिक अब सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं और अनुसूचित जनजाति के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह प्रगति ग्रामीण आर्थिक कमजोरी के बावजूद हुई है, कुछ परिवार अभी भी सहायता से वंचित हैं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस बीआर गवई, विक्रम नाथ, बेला एम त्रिवेदी, पंकज मिथल, मनोज मिश्रा और सतीश चंद्र शर्मा की संविधान पीठ ने आरक्षण के लिए [more…]
नई दिल्ली। पिछले पांच वर्षों में 13,626 एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम से पढ़ाई छोड़ दी है। इस बात [more…]
कल शाम जैसे ही पटना में जातीय जनगणना की खबर सार्वजनिक हुई, पूरे देश भर में अचानक से बहस की दिशा ही मुड़ गई। सभी [more…]