पता नहीं संविधान को सर्वोपरि मानने वाले भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने यह नोटिस किया या नहीं कि देश के एक हाईकोर्ट के वर्तमान चीफ जस्टिस को संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी और पंथनिरपेक्ष शब्द होने पर आपत्ति...
अगर उनके निजी जीवन को देखें तो कहना गलत नहीं होगा कि शीला संधु सही अर्थों में चुनौती का दूसरा नाम थीं। हिंदी प्रकाशन व्यवसाय को राजकमल प्रकाशन के माध्यम से चरम पर पहुंचानेवाली शीला संधु (24 मई 1924...
इस अर्थ में कि वहां उसके सभी स्तंभ विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और चौथा खंभा प्रेस भी उतना ही मुस्तैद है। पर पिछले चुनावों के दौरान वहां जो हुआ, वह एक अर्थ में पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था की सीमा का आईना...
( साहित्यकार, संपादक और लेखक पंकज बिष्ट कल 75 वर्ष के हो रहे हैं। इसके साथ ही उनके संपादकत्व में निकलने वाली मैगनजीन 'समयांतर' भी अपना 20वां साल पूरी कर रही है। पंकज बिष्ट के जीवन का बड़ा हिस्सा...