Saturday, April 27, 2024

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जयंती पर विशेष: रुढ़िवादी परंपराओं और दकियानूसी बेड़ियों को तोड़कर सावित्रीबाई ने रचा इतिहास

आज भारत की प्रथम महिला शिक्षिका राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले की 190 वीं जयंती हैं। 19वीं शताब्दी में उनके द्वारा किये गए साहसिक कार्यों को आज 21वीं सदी में भी जब हम देखते हैं, तो हमें आश्चर्य होता है, और...

ज्योतिराव फुले: आधुनिक युग में दलितों-बहुजनों, महिलाओं एवं किसानों के संघर्ष के पहले नायक

तुम कैसे बेशर्म हुए, वश में होकर इन ब्राह्मणों के नित छूने को चरण अरे तुम झुक जाते हो यों कैसे। आर्यों की मनुस्मृति को देखो, ध्यानपूर्वक देखो उसमें धोखा है सब देखो, पढ़ो ज़रा इनके ग्रंथों को।। - ज्योतिराव फुले “मेरे तीसरे गुरु...

अखिलेश यादव जी! परशुराम की मूर्ति बनवाने की घोषणा से पहले, उनके बारे में जान तो लेते

मीडिया की खबरों के अनुसार समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ब्राह्मण नेताओं के साथ बैठक में यह तय किया है कि समाजवादी पार्टी प्रत्येक जिले में भगवान परशुराम की प्रतिमा स्थापित करेगी। सबसे ऊंची प्रतिमा लखनऊ में...

26 जुलाई 1902 : भारतीय समाज का लोकतंत्रीकरण दिवस

26 जुलाई, 1902 को कोल्हापुर के शासक छत्रपति शाहू जी महाराज ने अपने कोल्हापुर राज्य की सरकारी नौकरियों में सभी सोपानों पर पिछड़े वर्ग (अर्थात ब्राह्मण, कायस्थ और पारसी को छोड़कर सभी समुदायों) के लिए 50 प्रतिशत पदों को...

प्लेग से लड़ते हुए शहीद हुई थीं सावित्री बाई फुले

कोरोना महामारी के दौरान जातिवादी छुआछूत और सांप्रदायिक बुराइयों के वापस आने का खतरा है। तबलीगी जमात का मामला तो राजनीतिक संरक्षण में उछल गया लेकिन यह कहने वालों की कमी नहीं है कि पिछली सदी की छुआछूत की...

आधुनिक भारत के प्रस्तोता ज्योतिबा फुले, डॉ. आंबेडकर और राहुल सांकृत्यायन

(स्वतंत्रता, समता और भाईचारे पर आधारित आधुनिक भारत का सपना देखने वाले तीन महापुरुषों के जन्मदिन का समय है। 9 अप्रैल 1893 राहुल सांकृत्यायन, 11 अप्रैल 1827 जोतिबा फुले और 14 अप्रैल 1891 बाबा साहब भीमराव आंबेडकर। इन तीनों...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...