स्मृति शेष: अपने हाकिम की फ़क़ीरी पर तरस आता है-राहत इंदौरी
राहत इंदौरी बेहद आन-बान और शान वाले शायर थे। पूरे तीन दशक तक मुशायरों में उनकी बादशाहत क़ायम रही। एक दौर था, जब उनका नाम [more…]
राहत इंदौरी बेहद आन-बान और शान वाले शायर थे। पूरे तीन दशक तक मुशायरों में उनकी बादशाहत क़ायम रही। एक दौर था, जब उनका नाम [more…]
भारत की संसद के पवित्र हॉल में, जहां कानून बनाये जाते हैं और नियति को आकार दिया जाता है, हमेशा शब्दों का निर्विवाद प्रभाव रहा [more…]
दरवाजा मैं एक दरवाजा थी मुझे जितना पीटा गया मैं उतना खुलती गई अंदर आए आने वाले तो देखा_ चल रहा है एक वृहद चक्र_ [more…]
(‘उसके छोटे-छोटे हाथ केक नहीं काट पा रहे थे। वह मोमबत्तियों के पहले जलने और फिर बुझ जाने के दृश्य को देखकर अचंभित थी।’’ उस [more…]
हिंदी साहित्य में साठ के दशक में नई कविता का जो आंदोलन चला, चंद्रकांत देवताले इस आंदोलन के एक प्रमुख कवि थे। गजानन माधव मुक्तिबोध, [more…]
अगर दुनिया सेसमाप्त हो जाता धर्मसब तरह का धर्ममेरा भी, आपका भीतो कैसी होती दुनिया न होती तलवार की धारतेज़ और लंबीन बनती बंदूकेनहीं बेवक्त [more…]
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और आधुनिक भारत के राजनीतिक व्यक्तित्वों के गंभीर अध्येता, साहित्यकार-अनुवादक वीरेंद्र कुमार बरनवाल का कल 12 जून को निधन हो गया। वीरेंद्र [more…]
आज कहीं भी कोई दुःखी नहीं है भारत में चतुर्दिक सुख का राज्य है किसान सोने के हल से जोत रहे हैं खेत उनकी आत्म [more…]
नई दिल्ली। वरिष्ठ वामपंथी बुद्धिजीवी, एक्टिविस्ट, पत्रकार व कवि अजय सिंह के जो चाहने वाले पिछले सप्ताह उनके चिकनगुनिया जैसी बीमारी से पीड़ित होने को [more…]