विभिन्न विश्व मानकों पर भारत की स्थिति सकारात्मक और सराहनीय नहीं कही जा सकती है। विश्व-गुरु बनने का सपना तो…
हक और अधिकार का सवाल: लोकलुभावन राजनीति के फांस में लोकतंत्र और लोकदेव
याद करें लंदन की संसद में 5 मई, 1789 की तारीख को। ‘न्याय के शाश्वत नियमों’ के उल्लंघन, संसदीय विश्वास…