अक्टूबर महीने की 22 तारीख़ वतनपरस्त-सरफ़रोश-इंक़लाबी अशफ़ाकउल्ला ख़ां की यौम-ए-पैदाइश है। मुल्क की आज़ादी के लिए जिन्होंने सत्ताईस साल की…
बिस्मिल, अशफाक और रोशन सिंह ने कोई माफीनामा नहीं भेजा था
पुरानी कहावत है, एक झूठ को छुपाने के लिए हजार झूठ बोलने पड़ते हैं। आज जब सावरकर के माफीनामे पर बहस…