Wednesday, April 24, 2024

ramdev

सरकार की झोलाछाप मानसिकता से बढ़ रहा है महामारी का संकट

भारत में नौकरशाही तो राजनीतिक सिस्टम का हिस्सा बहुत पहले से बनती रही है। आर्थिक, वैदेशिक और रक्षा मामलों के विशेषज्ञ और सलाहकार भी सरकार के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व की भाव-भंगिमा के अनुरूप सलाह देते रहे हैं, लेकिन कोरोना...

कार्पोरेटी हिंदुत्व के डबल म्यूटेंट रामदेव वायरस की टर्र टर्र के पीछे क्या है ?

महामारी से मुकाबले के लिए जरूरी सामूहिक चेतना विकसित करने की बजाय - जिस विज्ञान की इस महामारी से उबरने के लिए सर्वाधिक आवश्यकता है उस विज्ञान के धिक्कार और सामूहिक तिरस्कार के अगले चरण में आ चुके हैं...

रामदेव साबित हुए मिलावटी बाबा, पतंजलि शहद के नाम पर बेचती है शक्कर

व्यापारियों के उत्पादों के सैम्पल परीक्षण होते रहते हैं और अक्सर महत्वपूर्ण ब्रांड में भी जब उनकी लैब टेस्टिंग होती है तो, गलतियां मिलती रहती हैं। पर सबसे आश्चर्यजनक है बाबा रामदेव की पतंजलि कम्पनी के उत्पाद में मिलावट...

टोना-टोटका और अंधविश्वास नहीं वैज्ञानिक प्रामाणिकता है बीमारियों के इलाज का पैमाना

1991 के बसंत में कनाडा की मैकमास्टर युनिवर्सिटी के डाक्टर जार्डन गुयात ने ‘साक्ष्य आधारित चिकित्सा’ (एविडेंस बेस्ड मेडिसिन) पारिभाषिक पद गढ़ा था। सरल शब्दों में इसका अर्थ होता है- मरीजों के इलाज के बारे में उस समय तक...

कारोबार के मामले में कॉरपोरेट को भी मात देते दिख रहे हैं भारत के कई बाबा

हमारे देश का इतिहास रहा है कि समाज में फैली गंदगी को दूर करने तथा भटके लोगों को सही रास्ता दिखाने के लिए जुनूनी लोग समाजसुधारक, सन्यासी, बाबा और आध्यात्मिक गुरु बने। चाहे महर्षि दयानंद हों, ज्योतिबा फुले हों, महावीर स्वामी हों,...

Latest News

स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा

सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत...