मेरे प्यारे बेरोज़गार मित्रों,
छोटा पत्र लिख रहा हूँ। मैं आपके आंदोलन से प्रभावित नहीं हूँ। आप में जनता होने का बौद्धिक संघर्ष शुरू नहीं हुआ है। आपकी राजनीतिक समझ चार ख़ानों तक ही सीमित है। इसलिए आप लोगों से...
रवीश कुमार के
भाषणों को सुनना अच्छा लगता है । इसलिये नहीं कि वे विद्वतापूर्ण होते हैं ; सामाजिक-राजनीतिक यथार्थ के चमत्कृत करने वाले
नये सुत्रीकरणों की झलक देते हैं । विद्वानों के शोधपूर्ण भाषण तो श्रोता को भाषा
के एक अलग...
एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार ने मनीला में मैग्सेसे पुरस्कार समारोह के
मौके पर बेहतरीन भाषण दिया। अपने भाषण में उन्हें भारत के बिके हुए और डरे हुए
मीडिया की जमकर खबर लेने के साथ ही देश में लोकतंत्र पर मंडरा...
ट्रोल का नेटवर्क कितना विशाल हो चुका है आपको अंदाज़ा लगता ही रहता होगा।
इन्हें लगता है कि ये जब चाहेंगे तभी कुछ भी फैला कर पहले दुनिया को अंधेरे में
रखेंगे और फिर उसे कुएं में धकेल देंगे। मेरे मनीला...
नमस्कार, भारत चांद पर पहुंचने वाला है। गौरव के इस क्षण में मेरी नज़र चांद पर भी है और
ज़मीन पर भी, जहां चांद से भी ज़्यादा गहरे गड्ढे हैं।
दुनियाभर में सूरज की आग में जलते लोकतंत्र को चांद की...
(रवीश कुमार को रेमन मैगसेसे
पुरस्कार देने के साथ संस्था द्वारा दिया गया ये Citation न केवल
रवीश कुमार की पत्रकारिता,
बल्कि पिछले 6 सालों में
हिंदुस्तान के हालात पर भी टिप्पणी है। संस्था की वेबसाइट पर मूल रूप में अंग्रेजी
में दिए गए...
नई दिल्ली। पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखने वाले रवीश कुमार को एशिया के नोबल पुरस्कार मैगसेसे से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें 2019 के लिए दिया गया है। रवीश इस समय एनडीटीवी में मैनेजिंग एडिटर के...