refugee
उर्मिलेश की कलम से
युद्ध में झुलसती मनुष्यता और मनुष्य की क्रूरता का आख्यान
उर्मिलेश -
दुनिया में नर्क और दर्द का दायरा बहुत बड़ा है। अपेक्षाकृत विकसित समझे जाने वाले ऐसे यूरोपीय देश, जहां एक समय समाजवाद की जमीन तैयार की जा रही थी, वे भी इससे अछूते नहीं हैं। अलग-अलग जातीय-समूहों और देशों...
ज़रूरी ख़बर
भारत से म्यांमार वापस भेजे गए रोहिंग्याओं का जीवन खतरे में: ह्यूमन राइट्स वॉच
Janchowk -
न्यूयॉर्क। ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा 22 मार्च, 2022 को एक नृजातीय रोहिंग्या महिला को जबरन म्यांमार वापस भेजना भारत में रोहिंग्या शरणार्थियों के जीवन के समक्ष जोखिमों को उजागर करता है। अंतर्राष्ट्रीय कानून...
बीच बहस
भीड़ का भय: 1984 पर भारी है मौजूदा दौर
मेरा नाम मुसलमानों जैसा हैमुझ को कत्ल करो और मेरे घर में आग लगा दो ।मेरे उस कमरे को लूटोजिस में मेरी बयाज़ें जाग रही हैंऔर मैं जिस में तुलसी की रामायण से सरगोशी कर केकालिदास के मेघदूत से...
बीच बहस
चार ट्वीट्स से समझें अफगानिस्तान पर हिन्दुस्तान में बेचैनी क्यों?
अफगानिस्तान के संकट को लेकर हिन्दुस्तान बेचैन है। इस बेचैनी के कई आयाम हैं। कई किस्म की बेचैनियों का उदाहरण बन रहा है भारत। बेचैनियों की ये अलग-अलग वजहें एक-दूसरे से तकरार को या तो जन्म दे रही हैं...
बीच बहस
नॉर्थ ईस्ट डायरी: म्यांमार के शरणार्थियों के लिए भारत ही है आखिरी उम्मीद
साल 2011 में लियान सुआन थांग म्यांमार पुलिस में भर्ती हुए थे। लोकतंत्र समर्थक और नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की नेता आंग सान सू की को एक साल पहले ही रिहा कर दिया गया था। उनकी रिहाई ने आंशिक...
लेखक
अमिताभ घोष का नया उपन्यासः जलवायु-परिवर्तन,शरणार्थी और संक्रमण जैसी जटिल चुनौतियों की दिलचस्प गाथा
उर्मिलेश -
यह एक ऐसा उपन्यास है, जिसका कथानक दुनिया के चार महाद्वीपों में फैला है! इसके चरित्र भी कई देशों से हैं। लेकिन अलग-अलग देशों-क्षेत्रों, धर्मों-जातियों, वर्गों और पेशों की विविधता के साथ उऩकी कुछ बड़ी समस्याओं में एकरूपता हैं।...
राज्य
सीएए, एनआरसी, एनपीआर की नीयत, बुनियाद और तरीका गलतः तीस्ता
सीएए, एनआरसी, और एनपीआर की नीयत गलत है, बुनियाद गलत है, और तरीका भी गलत है। यह बात जानी मानी और साहसी मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने कहीं। 20 जनवरी को सामाजिक विकास केंद्र (रांची) में झारखंड नागरिक प्रयास...
राज्य
यदि लोगों की नागरिकता संदिग्ध, तो मोदी सरकार भी अवैध: पराते
जगदलपुर। "यदि मोदी सरकार की नज़रों में देश के 130 करोड़ लोगों की नागरिकता संदिग्ध है, तो उनके वोटों से चुनी गई यह सरकार भी अवैध है और इसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है।"
यह विचार...
Latest News
प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर
धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...
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