समाजवादी नेता मधु लिमये (1 मई 1922–8 जनवरी 1995) के जन्मशती वर्ष के उपलक्ष्य में पिछले दो सालों से विविध…
कोरोना के दौर में हाउसफुल तख्तियों के साथ वैचारिक नाटक!
एक ऐसे समय जब विकार का बोलबाला है…विकार आस्था, धर्म और राष्ट्रवाद का चोला ओढ़ विचार पर तांडव कर रहा…
लोहिया की प्रासंगिकता और उनसे जुड़े सवाल
महापुरूषों की स्मृति और मूल्यांकन से ही कोई समाज ऊर्जा ग्रहण कर निखर सकता है। गांधी जी के बाद डॉक्टर…
आचार्य नरेंद्र देव जन्मदिवस: मार्क्सवाद का देसी मास्टर, जिसने गांधी को भी बताई वर्ग की अहमियत
31 अक्तूबर अनेक कारणों से महत्वपूर्ण है। इसी तारीख को साल 1984 में इंदिरा जी को उनके ही सुरक्षाकर्मियों ने…
हिंदी दिवस सिर्फ एक फालतू कर्मकांड ही नहीं, राष्ट्रीय क्षति भी!
लंबे समय तक मैं हिंदी दिवस के कार्यक्रमों में जाया करता था। एक हिंदी पत्रकार होने के नाते मुझे इस…
गांधी को कौन मार सकता है!
देश को ब्रिटिश हुकूमत के पंजों से आज़ाद कराने के लिये सत्याग्रह, अहिंसा और असहयोग पर आधारित जनांदोलन की शुरुआत…