धर्मग्रंथों की समीक्षा का ऐलान कर क्या दिखाना और क्या छिपाना चाहते हैं, मोहन भागवत
‘जाति भगवान ने नहीं, पंडितों ने बनाई है’ जैसे बयान के बाद इत उत खड़ा हुआ तूमार अभी थम भी नहीं पाया था कि आरएसएस [more…]
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कोलम्बिया के नोबेल विजेता उपन्यासकार-पत्रकार गाब्रिएल गार्सीया मार्केस का वन हंड्रेड इयर्स आॉफ सॉलिट्यूड एक विश्व-प्रसिद्ध उपन्यास है, जो सिर्फ एक बेस्टसेलर ही नहीं रहा, [more…]
‘लोग इन कहानियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। सच कहूं तो ये मुझसे भी बर्दाश्त नहीं हो रही हैं। ये वे कहानियां हैं जिन्हें प्रकाशित नहीं [more…]
डॉ. भीम राव आंबेडकर के व्यक्तित्व और उनके अवदान को लेकर भारत के बौद्धिक वर्ग में आम तौर पर दो तरह का नजरिया देखने को [more…]
गुलज़ार साहब की कुछ चंद लाइनों से शुरू हुई ये किताब आपको इन लाइनों से ही किताब का सार समझा देती है। इसके बाद ‘द [more…]
जाने-माने लेखक, समीक्षक और समकालीन समस्याओं पर समान रूप से कलम चलाने वाले पत्रकार जाहिद खान की हाल ही में आई किताब ‘तरक़्क़ीपसंद तहरीक की [more…]
हिंदी साहित्य का इतिहास लिखे जाने के क्रम में महिला साहित्यकारों और उनके साहित्य की कई तरह से अनदेखी होती रही। जाहिर है, संसाधनों और [more…]
शैलेंद्र चौहान बुनियादी तौर पर कवि हैं उन्होंने कुछ कहानियां और एक उपन्यास भी लिखा है। लघु पत्रिका ‘धरती’ का एक लंबे अंतराल तक संपादन भी किया [more…]
मुक्तिबोध गहन संवेदनात्मक वैचारिकी के कवि हैं। उनके सृजन-कर्म का केंद्रीय कथ्य है-सभ्यता-समीक्षा। न केवल कवितायें बल्कि उनकी कहानियां, डायरियां, समीक्षायें तथा टिप्पणियां सार रूप [more…]
पांच दिन पहले ‘आलोचना’ पत्रिका का 62वां (अक्तूबर-दिसंबर 2019) अंक मिला। कोई विशेषांक नहीं, एक सामान्य अंक। आज के काल में जब पत्रिकाओं के विशेषांकों [more…]