Tuesday, April 23, 2024

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नहीं रहे जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता चितरंजन, बलिया में ली आखिरी सांस

बलिया/नई दिल्ली। देश के जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता, जनवादी चिंतक व स्वतंत्र पत्रकार चितरंजन सिंह का आज निधन हो गया। वे 68 वर्ष के थे। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक चितरंजन सिंह लम्बे समय से बीमार थे और आखिरी दिनों में कोमा...

बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए आरटीई फोरम ने लिखा नीतीश को खत

पटना। राइट टू एजुकेशन फोरम (आरटीई फोरम) की बिहार इकाई ने गणमान्य एवं प्रमुख नागरिकों के साथ मिलकर एक पत्र के माध्यम से कोविड–19 महामारी से उपजी परिस्थितियों में बच्चों के अधिकारों के संरक्षण की ओर राज्य के मुख्यमंत्री...

हमेशा के लिए शांत हो गयी गरीबों की एक वेशकीमती आवाज, नहीं रहे जस्टिस होसबेट सुरेश

नई दिल्ली। 2002 के गुजरात नरसंहार समेत हिंसा और मानवाधिकारों के हनन की विभिन्न घटनाओं की जाँच करने वाले आयोगों में शामिल रहे मशहूर एक्टिविस्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज होसबेट सुरेश का गुरुवार रात को 91...

दुआ और पटेल मामला: प्रगतिशील लेखक संघ ने कहा- आजाद आवाजों को दबाने की हरकतों से बाज आए सरकार

पंजाब/ नई दिल्ली। प्रगतिशील लेखक संघ ने दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ और आकार पटेल के खिलाफ केस दर्ज करने की सख्त निंदा की है और फौरन यह मामला रद्द करने की मांग रखी...

ज्ञान और अमल का प्रश्न

शैक्षिक समुदाय का क्या दायित्व बनता है, विशेष रूप से एक विधि विश्वविद्यालय में, जब विश्वविद्यालय की स्थापना के वर्ष, 2008 से कार्यरत सफाई कर्मचारियों को ठेका परिवर्तन के चलते निष्ठुरता से हटा दिया जाता है। विश्वविद्यालय अपने इस...

सांस्कृतिक संगठनों ने जारी किया खुला बयान, कहा- बंद हो मानवाधिकार-कर्मियों, लेखकों और पत्रकारों की गिरफ़्तारियों का सिलसिला

(जन संस्कृति मंच, दलित लेखक संघ, प्रगतिशील लेखक संघ, न्यू सोशलिस्ट इनिशिएटिव, प्रतिरोध का सिनेमा, संगवारी और जनवादी लेखक संघ की ओर से आज एक बयान जारी किया गया है जिसमें लेखकों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, छात्रों और पत्रकारों का देश...

कोरोना की आड़ में श्रम कानूनों पर हमला

मजदूर किसी भी देश की रीढ़ है बिना इनके कोई भी देश विकास की सीढ़ियां नहीं चढ़ सकता यह पहले से ही तय था, परन्तु वर्तमान स्थिति में इसकी सार्थकता और बढ़ गयी है। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था...

क्या कोई अराजक समाज दे सकता है मानवाधिकारों के रक्षा की गारंटी?

क्या मानवाधिकारों के प्रति असंवेदनशीलता किसी ताकतवर राष्ट्र की पहली पहचान है? क्या राष्ट्रीय सुरक्षा तभी मजबूत हो सकती है जब हम मानवाधिकारों के प्रश्न को गौण बनाते हुए मुट्ठी भर आतंकवादियों या अलगाववादियों के खात्मे के लिए लाखों...

डॉक्टर लाखन सिंह जैसे लोग मरा नहीं करते

आज ही अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस है और आज ही साथी डाक्टर लाखन सिंह, बिलासपुर की मृत्यु की सूचना मिली है हिमांशु कुमार जी से। सन 1990 की बात थी- दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता वर्ष मनाया जा रहा था। देशभर के समाजवादी लोग,...

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बीएचयू गैंगरेप मामला: बीएचयू प्रशासन ने पीड़िता के जख्मों को कुरेदा, चुनाव के वक्त प्रदर्शनकारी 13 स्टूडेंट्स को नोटिस क्यों!

उत्तर प्रदेश के बनारस में बीएचयू-आईआईटी की सेकेंड ईयर की छात्रा के साथ पिछले साल एक नवंबर को हुई...