स्थाई भाव बन गई है संघियों की वर्चस्ववादी पेशवाई ग्रंथि

शाहजी राजे भोंसले (1594-1664) 17वीं शताब्दी के एक सेनानायक और बीजापुर तथा गोलकुंडा के मध्य स्थित जागीर कोल्हापुर के जागीरदार…