सारी विपत्तियों का आविर्भाव निरक्षरता से हज्योतिबा फुले ने अपनी पुस्तक 'गुलामगिरी' (स्लेवरी) में स्पष्ट लिखा है कि वे अपने देश से अंग्रेजी शासन को उखाड़ फेंकना चाहते थे l ज्योतिबा के छात्र जीवन से ही अंग्रेजी हुकूमत के...
25 दिसंबर को 'मनुस्मृति दहन दिवस' पर देश के कई राज्यों सहित बिहार-यूपी में बहुजन संगठनों ने मनुस्मृति के साथ मनुवादी-पूंजीवादी गुलामी थोपने के कानूनों-प्रावधानों-नीतियों का दहन किया। इस मौके पर मनुस्मृति के साथ मनुविधान थोपने के एजेंडे, तीनों...
हावर्ड फॉस्ट के कालजयी उपन्यास स्पार्टाकस का हिंदी अनुवाद अमृत राय ने आदिविद्रोही शीर्षक से किया है। मैं इस अनुवाद को मानक मानता हूं। अच्छा अनुवाद वह है जो मौलिक सा ही मौलिक लगे। यह दास प्रथा पर आधारित...
आदिम दौर के तमाम नियम आज भी बदस्तूर जारी हैं। जगह-जगह लोगों को बंधुआ मजदूर या गुलाम बनाकर रखा जा रहा है और उनसे जबरन काम के साथ ही अमानवीय व्यवहार भी किया जा रहा है। ताजा मामला मध्य...
‘‘इंसानी ज़िंदगी का दायरा सिर्फ इश्क और मुहब्बत तक महदूद नहीं। क्या इसके अलावा और बहुत से मसाइल और बहुत सी दिलचस्प और गैर दिलचस्प चीजें नहीं हैं, जिनसे हम बावस्ता हैं? इन चीजों को छोड़कर हम खला-ए-महज में...
(वर्चस्ववाद की बुनियाद के मौलिक तत्वों में से एक है श्रेष्ठतावाद, जो यह दावा करता है कि वही श्रेष्ठ है क्योंकि दुनिया को सभ्य बनाने की जवाबदेही उसकी है। इसके बदले वह विश्व पर अपनी हुकूमत करता है। इसी...