मेरे लिए 2020 का वर्ष सिखाने वाला और ज्ञानवर्धक रहा। यह वर्ष जन आंदोलनों के नाम रहा। इस वर्ष की शुरुआत नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ संघर्ष से हुई तथा अनिश्चितकालीन किसान आंदोलन के साथ 2020 खत्म हो गया।
पिछले...
सारी दुनिया में यह बहस खड़ी करने के लिए बड़े यत्न किए जाते हैं कि समाजवादी /साम्यवादी और वामपंथी मोर्चे पर पार्टियां बनाने और उनके द्वारा चुनाव लड़ने की कोशिश लोगों और वामपंथियों को कहीं न पहुंचाने वाली आवारा...
सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की गई है, जो संविधान की प्रस्तावना से 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्दों को हटाने की मांग कर रही है। लेकिन पिछले कुछ दशकों में इन सिद्धांतों को लगातार कमजोर किए जाने के...
'आये हैं सो जाएंगे, राजा -रंक -फ़क़ीर' - जो भी दुनिया में हैं, एक दिन विदा होंगे। अनेक वर्षों से बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले रामविलास जी कल चुपचाप विदा हो गए। पिछले कई महीनों से...
हिंदी-उर्दू साहित्य में कथाकार मुंशी प्रेमचंद का शुमार, एक ऐसे रचनाकार के तौर पर होता है, जिन्होंने साहित्य की पूरी धारा ही बदल कर रख दी। देश में वे ऐसे पहले शख्स थे, जिन्होंने हिंदी साहित्य को रोमांस, तिलिस्म,...
एक सप्ताह पूर्व तमाम मीडिया, वैकल्पिक मीडिया संस्थानों में ख़बर आई थी कि उत्तर प्रदेश का पहला डिटेंशन कैम्प गाज़ियाबाद में बनकर तैयार हो चुका है और संभवतः अक्टूबर में इसका उद्घाटन हो सकता है।
सोशलिस्ट पार्टी, लोक राजनीति मंच...
निगम भारत पर जल्दी से जल्दी डिजिटल हो जाने का नशा सवार है। ऐसे माहौल में रघुवंश बाबू ने 10 सितम्बर को एक सादा कागज़ पर हाथ से लिख कर अपना इस्तीफ़ा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद...
बिहार का चुनावी तापमान चढ़ा हुआ है। एक तो सरकार में लौटने को लेकर एनडीए और महागठबंधन के बीच संग्राम है तो दूसरी तरफ नेताओं के बदलते रंग और पार्टी की अदलाबदली बिहार की राजनीति को दिलचस्प बना रही...
5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम-मंदिर के भूमि-पूजन की घटना बहुसंख्यक साम्प्रदायिकता की राजनीतिक-सामाजिक स्वीकृति पर मुहर कही जा सकती है। इस घटना पर संविधान और भारतीय गणतंत्र के हवाले से जितने लेख/न्यूज़-स्टोरी/सम्पादकीय/पार्टी-विज्ञप्तियां/टिप्पणियां आदि देखने में आए, उनमें...
9 अगस्त, 2020 अगस्त क्रांति दिवस की 78 वीं वर्षगांठ है। समाजवादी चिंतक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. लोहिया चाहते थे कि 9 अगस्त देश में इतने जोरदार तरीके से मनाया जाए कि 15 अगस्त का कार्यक्रम उसके सामने फीका पड़...