Thursday, April 18, 2024

society

दीपावली की सामाजिकता को तो नष्ट कर चुका है बाजार

पिछले दिनों राष्ट्र के नाम संबोधन में उत्सव प्रेमी प्रधानमंत्री ने फरमाया है कि देशवासी खूब धूमधाम से दीपावली मनाएं। उनका यह फरमान आम आदमी के जले पर नमक छिड़कने जैसा है। इसलिए कि बगैर सोची-समझी नोटबंदी और दिशाहीन...

मंडियों में नहीं मिल रहा समर्थन मूल्य, सोसाइटियों के जरिये धान खरीदी शुरू करे राज्य सरकार: किसान सभा

अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने 1 नवम्बर से राज्य में सोसाइटियों के माध्यम से धान खरीदी शुरू करने की मांग की है। किसान सभा ने कहा है कि मंडियों में किसानों का धान 1500...

महात्मा गांधी के विचारों की प्रासंगिकता एवं उनसे असहमति: कारण और परिणाम

विचार कभी समाप्त नहीं होते हैं। विशेषकर जन नायकों द्वारा समाज को प्रभावित और उद्ववेलित कर परिवर्तन वादी विचार सदैव प्रासंगिक होते हैं, समाज में विचार, मंथन एवं व्यवस्था में सुधार का मार्ग प्रशस्त करते रहते हैं । यही...

सुपरटेक मामला: सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को कहा- आप के आंख-नाक-कान से टपकता है भ्रष्‍टाचार

सुपरटेक टावर मामले में उच्चतम न्यायालय ने नोएडा अथॉरिटी को जमकर फटकार लगाई। अथॉरिटी को 'भ्रष्‍टाचारी संस्‍था' बताते हुए अदालत ने कहा कि वह बिल्‍डर से मिली हुई है और एक तरह से सुपरटेक की पैरवी कर रही है। जस्टिस धनंजय...

सर्विलांस तकनीक के इस्तेमाल पर रोक के लिए सिविल सोसाइटी संगठनों और विशेषज्ञों ने लिखा खुला खत

सर्विलांस तकनीक की बिक्री, लेनदेन और इस्तेमाल पर तुरंत रोक लगाने के लिए सरकारों का आह्वान करता हुआ सिविल सोसाइटी संगठनों और विशेषज्ञों का साझा खुला खत- हम सब अधोहस्ताक्षरी नागरिक समाज संगठन और स्वतंत्र विशेषज्ञ NSO ग्रुप के स्पाइवेयर...

आदिवासी सरना समाज अनजाने में हिन्दू गिरफ्त में तो नहीं आ जा रहा?

झारखंड की राजधानी में आदिवासियों के हृदयस्थल करमटोली चौक स्थित केंद्रीय धुमकुड़िया में आज भवन निर्माण कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। बड़े-बड़े सुंदर चेहरों के साथ पूरा पोस्टर, नेता, कार्यकर्ता के फोटोज आये हुए हैं। बहुत खुशी की बात...

वंचित समाज की राजनीतिः स्वार्थ और सत्ता से समझौते तक

भारत के जातिवादी समाज का निर्माण, धर्मसत्ता और सामंतशाही की सेवा और मेवा के लिए किया गया है। आज की धर्मसत्ता और सामंतशाही, जातिवाद को तानते, नाथते, फंदों में फंसाते, वंचितों को गुलाम बना रही है। गैर बराबरी की...

राजसत्ता के लिए अतिरिक्त ताकत और जनता के लिए अतिरिक्त संकट साबित हुआ कोविड

कोविड से कई चीजें बदली हैं ये बात सच है, लेकिन किसी भी तरह का संरचनात्मक या कोई बड़ा बदलाव समाज, राजनीति या अर्थनीति में हुआ है ऐसा मानना थोडा मुश्किल है। स्थितियों का मूल्यांकन दो भागों में बांटकर...

बच्चे पालने के सवाल पर स्त्री और पुरुष के बीच पैदा हुआ पहला श्रम विभाजन

मानव विज्ञान में खुद को लगा देने का उनका संकल्प महज किसी बौद्धिक उत्सुकता का परिणाम नहीं था । इसका गहरा राजनीतिक-सैद्धांतिक मकसद था । गहन ऐतिहासिक ज्ञान के आधार पर वे वास्तविकता के सबसे करीब के उस क्रम...

प्यू के सर्वे में सामने आयी भारतीय समाज की कूढ़मगजता

इलमों बस करीं ओ यार इक्को अलफ तेरे दरकार पढ़ पढ़ लिख लिख लावें ढ़ेर ढ़ेर किताबा चार चुफेर गिरदे चानण, विच्च हनेर पुच्छो रहा ते खबर न सार.. (तुमने बहुत ज्यादा ही पढ़ाई कर ली है, तुम्हें एक ही कायदा सीखने की जरूरत है,...

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उत्तराखंड:मतदान आ गया, मतदाता अब भी मौन

उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान हो रहा है। अब जबकि मतदान...