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बीच बहस

सलमान सोज और अमिताभ दुबे का लेख: कांग्रेस एक ज्यादा न्यायपूर्ण समाज बनाना चाहती है

कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र ने भारत में बढ़ती जा रही गैर-बराबरी पर एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ दी है। चूंकि भाजपा कांग्रेस पर धन का पुनर्वितरण [more…]

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बीच बहस

लोकतंत्र के अंतर्मन में सत्ता का शोर और समाज के निर्भय होने का स्वप्न 

आम चुनाव 2024 का पहला चरण 19 अप्रैल को पूरा हुआ। राजनीतिक विश्लेषक और विशेषज्ञ मतदान प्रतिशत में गिरावट और लोकतंत्र के पर्व के प्रति [more…]

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बीच बहस

‘ये बाबू संविधान बचाईं कि चिराग बाबू के जिताईं समझ में नाही आवत बा’

यह बात बिहार की करीब 60-65 वर्ष की पासी समाज की एक महिला ने कही। जब हम लोग संविधान बचाने और भाजपा को हराने के [more…]

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संस्कृति-समाज

तानाशाही के खिलाफ बुलंद आवाज का नाम है अमर सिंह चमकीला

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‘अमर सिंह चमकीला’ साधारण बायोपिक फ़िल्म होते हुए भी असाधारण फ़िल्म है। इम्तियाज अली सोसाइटी के दबाए जाने वाले डिस्कोर्स को पॉपुलर तरीके से परोसने [more…]

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राज्य

ग्राउंड रिपोर्ट: रीति रिवाजों के नाम पर लैंगिक भेदभाव से मुक्त नहीं हुआ समाज

हमारे समाज में अक्सर ऐसे कई रीति रिवाज देखने को मिलते हैं जिससे लैंगिक भेदभाव स्पष्ट रूप से नज़र आता है। लड़का और लड़की के जन्म [more…]

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ज़रूरी ख़बर

ग्राउंड रिपोर्ट: परिवार और समाज की इज्जत का बोझ आखिर लड़कियां ही क्यों उठाएं?

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रौलियाना गांव, उत्तराखंड। समाज में औरतों को हमेशा से ही बंधनों में बांधकर रखा गया है। जिससे कि अगर उसके साथ किसी भी प्रकार की [more…]

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ज़रूरी ख़बर

लड़कियों को पढ़ाने के लिए समाज गंभीर क्यों नहीं है?

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पुंछ, जम्मू। वर्षों बीत जाते हैं यह सुनते सुनते की किशोरियों और महिलाओं पर आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। दुनिया में इतनी तरक्की हो रही [more…]

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ज़रूरी ख़बर

ग्राउंड रिपोर्ट: उत्तराखंड के गनीगांव में बहू और बेटी में फर्क करता समाज

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गनीगांव, उत्तराखंड। भारतीय समाज जटिलताओं से भरा हुआ है। जहां रीति और रिवाज के नाम पर कई प्रकार की कुरीतियां भी शामिल हो गई हैं। [more…]

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बीच बहस

पतन के अपने चरम पर पहुंच गयी है हिंदी पट्टी

एक स्वस्थ समाज या देश के लिए चार तत्व ज़रूरी हैं: “ बुद्धिमत्ता, साहस, अनुशासन और न्याय”। (प्लेटो:रिपब्लिक ) आज भारतीय समाज, विशेषतः उत्तर भारतीय [more…]

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ज़रूरी ख़बर

मोदी जी के गुजरात में दलितों के लिए चश्मा पहनना और डीजे बजाना गुनाह

मूंछों पर ताव, घोड़े की सवारी या फिर डीजे संगीत बजाना – कुछ भी जातीय संघर्ष को जन्म दे सकता है। यह सब कुछ एक [more…]