Monday, September 25, 2023

society

ग्राउंड रिपोर्ट: उत्तराखंड के गनीगांव में बहू और बेटी में फर्क करता समाज

गनीगांव, उत्तराखंड। भारतीय समाज जटिलताओं से भरा हुआ है। जहां रीति और रिवाज के नाम पर कई प्रकार की कुरीतियां भी शामिल हो गई हैं। इसका सबसे अधिक खामियाज़ा महिलाओं को भुगतनी पड़ती है। पितृसत्तात्मक समाज में लड़का और...

पतन के अपने चरम पर पहुंच गयी है हिंदी पट्टी

एक स्वस्थ समाज या देश के लिए चार तत्व ज़रूरी हैं: “ बुद्धिमत्ता, साहस, अनुशासन और न्याय”। (प्लेटो:रिपब्लिक ) आज भारतीय समाज, विशेषतः उत्तर भारतीय बहुसंख्यक समाज, चरम विरोधाभास, विद्रूपता, मध्ययुगीनता, पाखण्ड जैसी प्रवृत्तियों की गहरी गिरफ़्त में है; एक तरफ हाई-टेक...

मोदी जी के गुजरात में दलितों के लिए चश्मा पहनना और डीजे बजाना गुनाह

मूंछों पर ताव, घोड़े की सवारी या फिर डीजे संगीत बजाना - कुछ भी जातीय संघर्ष को जन्म दे सकता है। यह सब कुछ एक प्रदेश गुजरात के लिए आम बात है। देश में मॉडल के तौर पर बेचे...

मणिपुर पर सिविल सोसाइटी ने कहा- पीएम मोदी चुप्पी तोड़ें और विभाजनकारी राजनीति से बाज आए बीजेपी

देश के नागरिक संगठनों और एक्टिविस्टों ने मई, 2023 की शुरुआत से मणिपुर में मेइती समुदाय तथा आदिवासी कुकी और जो समुदायों के बीच जारी जातीय हिंसा के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की। इस समूह ने एक बयान...

भारतीय समाज में अवैज्ञानिक परंपरा का साइकोपैथ अवशेष

उच्चतर डिग्री हासिल करके पढ़ा-लिखा होना इस बात का सुबूत नहीं बन जाता कि हम जागरूक भी हैं। जागरूकता तो उस थॉट प्रोसेस से होकर किसी तार्किक निष्कर्ष पर पहुंच पाने से हासिल होती है। पढ़ाई-लिखाई इसमें सहायक हो...

कौन चाहता है टीचर बनना!

सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्य इस कदर बदलते जा रहे हैं कि कभी देवता और गुरु जी कह कर पूजे जाने वाले शिक्षक खिसकते-खिसकते अब सामाजिक जीवन के हाशिये पर चले गए हैं। आदरणीय गुरु जी तेजी से मास्साब में...

डिप्रेशन में देश: समझ कम, इलाज नाकाफी  

यह एक विडम्बना है कि जिस देश की जड़ें तथाकथित आध्यात्मिकता में रहीं हैं, उसके धर्म और आध्यात्मिक ज्ञान उसे नैराश्य और अवसाद का सामना करने में मदद नहीं कर पाए हैं! गीता को विश्व की महानतम धार्मिक और...

जयंती पर विशेष: वर्तमान में नहीं रही प्रेमचंद युग की पत्रकारिता

वाराणसी। प्रेमचंद जी कहते हैं कि समाज में ज़िन्दा रहने में जितनी कठिनाइयों का सामना लोग करेंगे उतना ही वहां गुनाह होगा। अगर समाज में लोग खुशहाल होंगे तो समाज में अच्छाई ज़्यादा होगी और समाज में गुनाह नहीं के...

ग्राउंड रिपोर्ट: मानसून की बेरुखी से बर्बादी के कगार पर खड़े हैं चंदौली के किसान

चंदौलीवाराणसी। आया सावन झूम के... अब सिर्फ सिनेमा और समाज में किंवदंती में बनकर रह ही गया है। उत्तर प्रदेश में धान उत्पादन के बड़े हिस्से में शुमार पूर्वांचल के दर्जनों जनपद सूखे की कगार पर खड़े हैं। खेतों...

जन्मदिन पर विशेष: मसीहाई भी जिसे रास नहीं आई

जिद्दू कृष्णमूर्ति (1895-1986) दक्षिण भारत के छोटे शहर मदनपल्लै में पैदा हुए। छोटी अवस्था में ही थियोसॉफिकल सोसाइटी की अध्यक्ष और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की बड़ी नेत्री एनी बेसेंट ने कृष्णमूर्ति और उनके भाई नित्यानंद की परवरिश की ज़िम्मेदारी...

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निज्जर विवादः भारत की मुश्किल, अमेरिका की मुसीबत

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के 18 सितंबर को भारत पर गंभीर आरोप लगाने के बाद इस प्रकरण में...