कृषि प्रधान देश होने के साथ ही हमारा देश पर्व प्रधान भी है। तीन राष्ट्रीय त्योहार तो हैं ही। पूंजी का प्रवाह आया तो उसके साथ पूंजीवादी पर्व भी आ जुड़े। फिर अस्मिता विमर्श और अस्मितावादी राजनीति का बोलबाला...
झारखंड में अंधविश्वास इस तरह हावी है कि डायन बिसाही और ओझागुनी के नाम पर महिलाओं की प्रताड़ना और हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। आए दिन ऐसी घटनाएं खबरों की सुर्खियां बनती रही हैं। राज्य में अंधविश्वास की जड़ें...
31 अक्तूबर अनेक कारणों से महत्वपूर्ण है। इसी तारीख को साल 1984 में इंदिरा जी को उनके ही सुरक्षाकर्मियों ने मार डाला था। आज सरदार पटेल का जन्मदिन भी है, लेकिन आज समाजवादी नेता और विचारक आचार्य नरेंद्र देव...
जब डायन-बिसाही के नाम पर हत्या का जिक्र होता है तो झारखंड का नाम सबसे ऊपर होता है। इसके पीछे की वजह की गहराई से पड़ताल करें तो यह साफ हो जाता है कि डायन हत्या अंधविश्वास के बहाने...
सभ्यता के बारे में यह जाना-माना सच है कि दर्शन, अध्यात्म, धर्म, विज्ञान, कला, साहित्य, अध्ययन-मनन के अन्य विविध शास्त्र, स्वतंत्र अध्ययन-मनन आदि में गहरे डूबा व्यक्ति हमेशा कम बातें करता है। गांधी की अवधारणा लें तो राजनीति के...
कोरोना अपने साथ अंधविश्वासों का भी पैकेज लेकर आया है। भारत के लगभग सभी हिस्सों में इन दिनों इन्हीं का बोलबाला है। फर्रुखाबाद से लेकर बालोद तक में महिलाएं सिल पर चावल या आटा डालकर बेलन या बट्टा खड़ा...
कलाकार (कवि, फिल्म लेखक, संगीतकार, आर्ट एक्टिविस्ट) मयंक मुंबई से दिल्ली तक एनआरसी-सीएए-एनपीआर के खिलाफ़ देशभर में चल रहे जनांदोलन में अपनी कला के जरिए प्रतिरोध को अलग ही मुकाम दे रहे हैं। जनचौक के लिए सुशील मानव से...
बंद दिमाग़ी की गर्त में समाज
एक कठिन वक्त में जबकि अपनी आंखें खुली रखना, तर्कशीलता के रास्ते पर डटे रहना, समाज में वैज्ञानिक चिंतन की बातें कहने में संकोच न करना अपने आप में जोखिम भरा काम हो गया...
नई दिल्ली। गाजियाबाद के लोनी जैसे पिछड़े माने जाने इलाके में स्थित सोफिया स्कूल में आज 28 जुलाई को ‘अंधविश्वास के कारण पिछड़ते हम और हमारे लोग’ विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों बच्चों के साथ-साथ...