Tuesday, April 23, 2024

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जिस जमात को बताया था कोरोना फैलाने का दोषी, संकट में वह कर रहे हैं बढ़चढ़ कर मदद

इस समय भारत कोरोना महामारी के सबसे विकट दौर से गुजर रहा है। संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और मौतें भी। हर चीज की कमी है- अस्पतालों में बिस्तरों की, दवाईयों की, ऑक्सीजन की, जांच सुविधाओं की और...

कोरोना संकटः खुलने लगी व्यवस्थाओं की कलई

भारत में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ने के साथ ही इससे पीड़ित मरीजों के लिए कई बुनियादी ज़रूरतों की कमी पैदा हो गई है। इनमें ऑक्सीजन की कमी सबसे बड़ा मुद्दा है। दरअसल, कोरोना के गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन...

योगी जी! बेटी बचेगी तभी तो पढ़ेगी

महिलाओं के पक्ष में कारगर कदम उठाते हुए, उनके लिए हिंसा और भयमुक्त समाज निर्माण का दावा करने वाली सरकार के सूबे में जब एक बलात्कार पीड़ित लड़की सिस्टम से तंग आकर आत्मदाह को मजबूर हो जाए, तब यह...

भारतीय कृषि व्यवस्था की रीढ़ हैं महिलाएं

यदि एक शब्द में इस सौ दिन से चल रहे किसान आन्दोलन की उपलब्धि बतायी जाए तो वह है जनता का तंद्रा से उठ खड़ा होना। यानी जाग जाना, जागरूकता। जनता में अपने अधिकारों और श्रम की उचित कीमत...

गोलवलकर की पतनशील विचारधारा को प्रेरक तत्व मानता है मौजूदा सत्ताधारी दल

भारत के वर्तमान सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता भले ही हमारे धर्मनिरपेक्ष-बहुवादी और संघात्मक संविधान के नाम पर शपथ लेते हों परन्तु सच यह है कि यह पार्टी देश को आरएसएस के एजेंडे में निर्धारित दिशा...

जयंती पर विशेष: संत रविदास की दार्शनिक चेतना

दर्शन अपने आप में अति व्यापक और गूढ़ शब्द है। दुनिया भर में दर्शन और फिलॉस्फी को अपने-अपने ढंग से व्याख्यायित किया गया है। आमतौर पर दर्शन को सत्य को जानने की कला के रूप में परिभाषित किया जाता...

राजनीति की धमनियों में है युवा खून की दरकार

यदि कोई बीमार है, पचास तरह की बीमारियां हैं, जुकाम से लेकर सारे शरीर में दर्द, दिल भी खराब, जिगर भी कमजोर, किडनी भी ठीक काम नहीं कर रही, तो क्या करेंगे? जाहिर है डॉक्टर ही देखेगा। डॉक्टर अकेले...

कार्यपालिका कर रही है न्यायिक आदेशों की अनदेखी

जस्टिस डिलीवरी सिस्टम की स्थिति बहुत गम्भीर है। बात सिर्फ आलोचना की नहीं है बल्कि न्यायपालिका के शीर्ष पर बैठे विद्वान एवं माननीय न्यायमूर्तियों के लिए गम्भीर चिंता और मनन का विषय है कि क्या कार्यपालिका कोर्ट के निर्णयों...

देश को भुखमरी के रास्ते पर ले जाएंगे ने नए कृषि कानून!

क्या नए कृषि कानून केवल किसानों के लिए अहितकर हैं? शेष जनता का या कम से कम देश की आधी जनसंख्या का इससे कोई लेना देना नहीं है? यह सोचना, मानना और कहना पूरी तरह गलत है। खाद्यान्न की...

राइट टु हेल्थ मौलिक अधिकार, सरकार सस्ते इलाज की व्यवस्था करे: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को ऐतिहासिक टिप्पणी करते हुए स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार बताया। भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वास्थ्य का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। स्वास्थ्य के अधिकार में सस्ता उपचार शामिल है, इसलिए, यह...

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चुनावी बांड, पीएम केयर्स दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला: परकला प्रभाकर

राजनीतिक अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने चुनावी बांड में शामिल फंड की मात्रा को देखते हुए चुनावी बांड मुद्दे को...