Saturday, April 20, 2024

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किताब ‘कैदखाने का आईना’: जेल में भ्रष्टाचार ही सिस्टम है

स्वतंत्र पत्रकार और लेखक रूपेश कुमार सिंह 7 जून, 2019 से 5 दिसंबर, 2019 तक बिहार की दो जेलों में छह महीने तक काला कानून ‘यूएपीए’ के तहत कैद थे। 6 दिसंम्बर, 2019 को ये जमानत पर बाहर निकल...

“न्यायतंत्र भारत से विदा हो चुका है”

(कहा जाता है कि किसी चीज को नापने का सबसे बड़ा पैमाना जनमत होता है। और लोकतंत्र में वैसे भी इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। मामला जब सीधे सिस्टम या फिर उससे जुड़ी किसी संस्था का हो तो...

कोविड के कहर पर भारी पड़ीं समाजवादी व्यवस्थाएं

सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की गई है, जो संविधान की प्रस्तावना से 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्दों को हटाने की मांग कर रही है। लेकिन पिछले कुछ दशकों में इन सिद्धांतों को लगातार कमजोर किए जाने के...

मंत्रियों के लिए काल बने कोरोना के सामने आम आदमी की क्या बिसात!

नीतीश कुमार कैबिनेट के दूसरे साथी कपिलदेव कामत की कल गुरुवार देर रात डेढ़ बजे कोविड-19 से मौत हो गई।  उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण के बाद पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। कपिलदेव कामत नीतीश कुमार सरकार में...

पुण्यतिथि पर विशेषः अंदरूनी अत्याचारियों से विद्रोह चाहते थे लोहिया

अगर माखनलाल चतुर्वेदी एक भारतीय आत्मा थे तो डॉ. राममनोहर लोहिया एक बेचैन भारतीय आत्मा थे। वे चाहते थे कि इस देश की जनता भीतरी अत्याचारियों के विरुद्ध विद्रोह करे। सरोजिनी नायडू ने महात्मा गांधी के निधन के बाद...

हाथरस गैंगरेप: “हम दलित हैं और यही हमारा पाप है….हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे गांव छोड़ दें”

हाथरस। हमेशा जब वह 50 वर्षीय शख्स स्थानीय स्टोर पर जाता है तो दुकानदार उसे कुछ दूरी पर खड़े रहने को कहता है और वह जो भी खरीदता है उसको वह एक कोने से पकड़ता है। ऊपरी जातियों की...

लूट, शोषण और अन्याय की व्यवस्था के खिलाफ भगत सिंह बन गए हैं नई मशाल

आखिर ऐसी क्या बात है कि जब भी हम भगत सिंह को याद करते हैं तो हमें वे युवा के रूप में ही याद आते हैं! भगत सिंह का नाम उनके जीवन काल में ही क्रांति का प्रतीक बन...

नौकरियों में भी गुजरात मॉडल! यूपी में पांच साल की संविदा पर भर्ती की योजना

अगर यह ख़बर सही है तो इस पर व्यापक बहस होनी चाहिए। अख़बार में छपी ख़बर के अनुसार उत्तर प्रदेश का कार्मिक विभाग यह प्रस्ताव ला रहा है कि समूह ख व ग की भर्ती अब 5 साल के...

पतनशील हिंदू और पूंजी की संस्कृति की दुरभिसंधि: अंधकार युग की ओर बढ़ता भारत

भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब ले लेकर पश्चिम तक आरएसएस (संघ), भाजपा एंव अन्य आनुषंगिक संगठनों और कार्पोरेट घरानों का वर्चस्व केवल एक राजनीतिक और आर्थिक परिघटना नहीं है, उससे ज्यादा कहीं गहरे व्यापक स्तर पर...

आरएसएस नेता ठेंगड़ी के धर्म और जाति संरक्षित ‘हिंदू अर्थव्यवस्था’ का कॉर्बन कॉपी है पीएम मोदी का आत्मनिर्भरता का नया ‘दर्शन’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मई को राष्ट्र के नाम संबोधन से आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया। उस दिन राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को 39 दिन पूरे हो रहे थे और यह घोषणा विनाशकारी आर्थिक गिरावट से निपटने के लिए सरकार...

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अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।