Saturday, April 27, 2024

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विकास एनकाउंटर: सुप्रीम कोर्ट ने लगायी यूपी सरकार को फटकार, कहा-कैसे था इतना बड़ा अपराधी जेल से बाहर

कानपुर के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए सवाल किया है कि हम इस बात से हैरान हैं कि इतने मामलों में वांछित अपराधी जमानत पर कैसे रिहा हो...

क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम: आखिर इस मर्ज की दवा क्या है?

विकास दुबे कानपुर के पास एक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। यह मुठभेड़ फ़र्ज़ी है या सही, इस पर एक जनहित याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी है, और उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच...

मनु कब इतिहास बनेंगे?

कितने लोगों ने डॉ. अम्बेडकर की अगुआई में छेड़े गए पहले ‘दलित विद्रोह’ अर्थात महाड़ सत्याग्रह (1927) के बारे में पढ़ा होगा और यह जाना होगा कि किस तरह उसके पहले चरण में 19-20 मार्च को महाड़ नामक जगह...

दिल्ली: एक फरियादी की त्रासद मृत्यु और हमारा तंत्र

हाईकोर्ट में दायर एक वृद्ध याचिकाकर्ता की मृत्यु, इलाज के अभाव में हो गयी। दिल्ली हाईकोर्ट में एक 80 वर्षीय वृद्ध, जो कोविड 19 से पीड़ित था, को दिल्ली के किसी भी अस्पताल मे चिकित्सा हेतु बेड नहीं मिल...

फैंसी ड्रेस में रंग और नस्लभेद

भारतीय सिनेमा को प्रेम से बड़ा प्रेम है। वह अमीर और गरीब के बीच होने वाले प्रेम, धर्म-क्षेत्र-भाषा की सीमाओं के आर-पार होने वाले प्रेम को बड़े जश्न से मनाता है, यहाँ तक कि जेंडर और सेक्सुआलिटी के परंपरागत विचारों...

‘गुलामगिरी’: शूद्रों-अतिशूद्रों की मुक्ति का दस्तावेज

1 जून यानी आज 2020 को ‘गुलामगिरी’ पुस्तक के 147 वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह महात्मा ज्योतिबा फुले (11 अप्रैल 1827 - 28 नवंबर 1890) की प्रमुख रचना है। ‘गुलामगिरी’ अंधविश्वास, पाखंड, छल-कपट पर आधारित ब्राह्मणी ग्रंथों एवं...

आखिर भारत में क्यों नहीं होता जातीय भेद और ब्राह्मणवादी वर्चस्व के खिलाफ अमेरिका जैसा प्रतिरोध?

अमेरिका की तस्वीरें अखबारों और सोशल मीडिया पर पूरी दुनिया ने देखी हैं। निजी तौर पर अमेरिका और उसका कथित जनतंत्र अपन जैसे लोगों की कभी पसंद नहीं रहे। पर भारत से तुलना करते हैं तो अमेरिकी समाज वाकई...

कोरोना आपदा, हमारा स्वास्थ्य ढांचा और तालाबंदी

30 जनवरी को जब केरल में पहला कोविड 19 का केस मिला था, तब बहुतों को इस बात का अंदाज़ा भी नहीं था कि एक ऐसी आपदा ने दस्तक दे दिया है जो न सिर्फ लाइलाज है, बल्कि वह...

कोरोना ने खोल दी सत्ता और व्यवस्था की कलई

कोरोना के बाद दुनिया की व्यवस्था नया स्वरूप लेगी। हर देश में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। क्या हम भारतीय भी सोच सकते हैं कि कोरोना के बाद भारत में जो स्थापित व्यवस्था है उसकी जगह कोई नया स्वरूप...

सिस्टम की ख़राबी के चलते बस्तर में नहीं बिका 300 परिवारों का धान, लॉकडाउन में अब पाई-पाई को मोहताज

बस्तर। सरकार के सिस्टम की खराबी के चलते सवंतीन अपना धान नहीं बेच पाईं। उनके पास लगभग 2 लाख रूपये का धान है। बावजूद इसके यह आदिवासी परिवार अब एक-एक पैसे के लिए मोहताज है। और अब जीवनयापन के लिए व्यापारियों...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...