बाबा साहेब ने छुआछूत को खत्म करने में निभाई थी बड़ी भूमिका, हम भी तय करें अपनी जिम्मेदारी
वाराणसी/जौनपुर। समाज में व्याप्त उंच-नीच, भेदभाव और छूआछूत जैसी कुप्रथा को खत्म किए बिना न तो समाज का भला होने वाला है और ना ही [more…]
वाराणसी/जौनपुर। समाज में व्याप्त उंच-नीच, भेदभाव और छूआछूत जैसी कुप्रथा को खत्म किए बिना न तो समाज का भला होने वाला है और ना ही [more…]
आज (7 जुलाई) देश के प्रधानमंत्री ने गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में शिरकत की। क्या प्रधानमंत्री जी आपको पता है- वर्ण व्यवस्था की [more…]
भारतीय संविधान में दर्ज स्वतंत्रता, समानता, न्याय, बंधुता, व्यक्ति की गरिमा जैसे अन्य संवैधानिक मूल्य हमारे जीवन के घोषित आधार हैं। लेकिन आजाद भारत के 75 वर्ष [more…]
आम्बेडकर कम्युनिस्टों के लिए ही नहीं बल्कि बहुतेरे दलितों के लिए भी अबूझ हैं।हाल कुछ उस कथा जैसी है जिसमें किसी हाथी को नेत्रहीन लोग [more…]
आज वास्तव में इस देश में रहकर यह विश्वास करना कठिन होता जा रहा है कि हम भारत के लोग क्या वास्तव में इक्कीसवीं सदी [more…]
स्वामी विवेकानंद देश के महानतम प्रज्ञा पुरुष थे। 4 जुलाई, उनकी 118वीं पुण्यतिथि है। साल 1902 में आज ही के दिन पश्चिम बंगाल के बेलूर [more…]
23 मार्च 1931 को साढे तेईस वर्ष की उम्र में फांसी पर चढ़ा दिए गए भगत सिंह ( 28 सितम्बर 1907 – 23 मार्च 1931) [more…]
ईवी रामास्वामी पेरियार के ‘द्रविड़ कड़गम आंदोलन’ का केवल एक ही निशाना था आर्य ब्राह्मणवादी और वर्ण व्यवस्था का अंत कर देना, जिसके कारण समाज ऊंच और नीच [more…]