बाबा साहेब ने छुआछूत को खत्म करने में निभाई थी बड़ी भूमिका, हम भी तय करें अपनी जिम्मेदारी

वाराणसी/जौनपुर। समाज में व्याप्त उंच-नीच, भेदभाव और छूआछूत जैसी कुप्रथा को खत्म किए बिना न तो समाज का भला होने…

गीता प्रेस के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री: क्या आप गीता प्रेस का सच जानते हैं, मोदी जी!

आज (7 जुलाई) देश के प्रधानमंत्री ने गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में शिरकत की। क्या प्रधानमंत्री जी आपको…

क्यों इस देश के सवर्ण एससी-एसटी-ओबीसी के संवैधानिक अधिकारों को स्वीकार नहीं कर पाते?

भारतीय संविधान में दर्ज स्वतंत्रता, समानता, न्याय, बंधुता, व्यक्ति की गरिमा जैसे अन्य संवैधानिक मूल्य हमारे जीवन के घोषित आधार हैं। लेकिन…

जयंती पर विशेष:अबूझ क्यों हैं आम्बेडकर बहुतेरों के लिए 

आम्बेडकर कम्युनिस्टों के लिए ही नहीं बल्कि बहुतेरे दलितों के लिए भी अबूझ हैं।हाल कुछ उस कथा जैसी है जिसमें…

हमें प्रगतिशील भारत चाहिए या अंधविश्वासी भारत ? एक निष्पृह व निर्भीक समीक्षा

आज वास्तव में इस देश में रहकर यह विश्वास करना कठिन होता जा रहा है कि हम भारत के लोग…

पुण्यतिथि पर विशेष: इस्लाम को शरीर और हिंदू धर्म को मस्तिष्क की संज्ञा देते थे स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद देश के महानतम प्रज्ञा पुरुष थे। 4 जुलाई, उनकी 118वीं पुण्यतिथि है। साल 1902 में आज ही के…

शहादत सप्ताह: दलितों, सोए हुए शेरों ! उठो और बगावत कर दो- भगत सिंह

23 मार्च 1931 को साढे तेईस वर्ष की उम्र में फांसी पर चढ़ा दिए गए भगत सिंह ( 28 सितम्बर…

पेरियार का द्रविड़ आंदोलन भी जातीय और छुआछूत के भेदभाव से नहीं कर सका जनता को मुक्त

ईवी रामास्वामी पेरियार के ‘द्रविड़ कड़गम आंदोलन’ का केवल एक ही निशाना था आर्य ब्राह्मणवादी और वर्ण व्यवस्था का अंत कर देना, जिसके…