उत्तर प्रदेश के गरीब और पिछड़े इलाकों में हर मर्ज़, हर परेशानी के लिए ओझाई करवाई जाती है। ओझा ऊपर दरबार में अरजिया की अरज लगाने के लिए कुर्बानी दिलवाता है। ये कुर्बानी कुछ भी हो सकती है। कुछ भी से मतलब नींबू, जायफल, नारियल, मुर्गा, बकरा, भैंसा, नर कुछ भी। काफी कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी अर्ज की कीमत क्या है।
उत्तर प्रदेश की सत्ता पर जब से एक मठ का मठाधीश काबिज हुआ है उत्तर प्रदेश की जनता को हर दुख, हर पीड़ा से पारावार के लिए कुर्बानी देनी पड़ रही है।
भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ़ न्याय के लिए उन्नाव रेप पीड़िता को अपने पूरे परिवार की कुर्बानी देनी पड़ी, याद है ना। ऐसे एक दो नहीं हजारों केस हैं जो बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में बिना कुर्बानी दिए अरजिया की अरज़ नहीं सुनी जाती।
तो कल शुक्रवार 17 जुलाई को कुर्बानी देने की बारी थी एक मां-बेटी की। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय लोक भवन गेट-3 के सामने एक मां सोफिया और बेटी गुड़िया ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह की कोशिश की। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह कंबल डालकर आग पर काबू पाया और दोनों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। घटना में दोनों बुरी तरह से झुलस गई हैं। घटना में मां सोफिया 80 से 90 प्रतिशत तक जबकि बेटी गुड़िया 10 से 20 प्रतिशत जल गई हैं। ज़्यादा जलने के चलते मां सोफिया की हालत गंभीर बनी हुई है।
क्या है पूरा मामला
लखनऊ के डीसीपी सेंट्रल दिनेश सिंह ने बताया कि मां-बेटी अमेठी के जामो थाना क्षेत्र की रहने वाली हैं, जिनका गांव के कुछ दबंगों के साथ बीते कुछ समय से नाली का विवाद चल रहा है। जानकारी के अनुसार गुड़िया का आरोप है कि गांव में कुछ दबंगों ने नाली विवाद में उसकी मां पर हमला कर दिया था। विरोध करने पर दबंगों ने उसकी भी पिटाई कर दी थी। घटना की शिकायत के लिए जब मां-बेटी जामो थाना पहुंचीं तो दबंग वहां भी आ गए और पुलिस के सामने ही उन्हें थाने से बाहर भगाने लगे। बाद में उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज़ हो सका।
इसके बाद गुड़िया ने बताया कि दोनों जब घर वापस आ गईं, तो देर रात में हमलावर फिर उनके घर पहुंच गए और लाठी-डंडों से मां-बेटी की फिर से पिटाई कर दी। पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज मां-बेटी कल ही राजधानी लखनऊ पहुंचीं और लोक भवन के सामने दोनों ने खुद को आग लगाकर जान देने की कोशिश की।
अमेठी पुलिस प्रशासन का बयान
घटना के बाद कल देर रात ही अमेठी पुलिस अधीक्षक और अमेठी के डीएम ने पीड़िता के गांव का दौरा किया। दारोगा-थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच एसपी को सौंपी गई है। दौरे के पश्चात प्रेस कान्फ्रेंस में मीडिया को संबोधित करके पुलिस अधीक्षक अमेठी ने बताया, “9 मई को गुड़िया पक्ष और अर्जुन पक्ष के बीच में नाली को लेकर विवाद और मार-पीट हुई। गुड़िया पक्ष द्वारा चार लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर किया गया और उसके काउंटर में अर्जुन पक्ष द्वारा भी तीन लोगों को नामजद करके एक एफआईआर दर्ज़ करवाया गया। उस विवाद में भी आवश्यक कार्रवाई की गई थी। गुड़िया पक्ष द्वारा आत्मदाह का कोई ज्ञापन नहीं दिया गया था।”
(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)
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