नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली और उस दिशा में संघर्ष करने के लिए सूबे में नये प्लेटफार्म का गठन हुआ है। ‘पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन’ नाम से बने इस मंच की घोषणा कल फारुक अब्दुल्ला के घर पर 6 राजनीतिक दलों की बैठक के बाद हुई। गौरतलब है कि ‘गुपकर घोषणा’ पर पिछले साल इस बैठक में शामिल दलों ने हस्ताक्षर किया था।
बैठक के बाद सूबे के तीन बार मुख्यमंत्री रहे डॉ. अब्दुल्ला ने कहा कि “हमारी मंशा 4 अगस्त, 2019 की बहाली के लिए लड़ाई है। अनुच्छेद 370 खत्म करने से पहले लद्दाख समेत पूरे जम्मू-कश्मीर के लोग जिन अधिकारों का इस्तेमाल करते थे उनकी वापसी सुनिश्चित करने के लिए यह एक संवैधानिक लड़ाई है।”
दूसरों में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कॉंफ्रेंस (पीसी) के चीफ सज्जाद लोन और सीपीएम के एमवाई तारीगामी शामिल थे। बैठक दोपहर में गुपकर रोड पर स्थित डॉ. अब्दुल्ला के घर पर हुई।
डॉ. अब्दुल्ला जो कि सांसद भी हैं, ने लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक समस्याओं को न केवल चिन्हित किया बल्कि उनके हल की भी आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि “हम चाहते हैं कि कश्मीर मुद्दे के हल के लिए कदम उठाए जाएं। इस मामले में सभी हित धारकों को एक मंच पर लाने की जरूरत है।”

इस पूरे प्रकरण में एक और अलग बात हुई है। जिसके तहत क्षेत्रीय दलों के इस गठबंधन, जिसमें अवामी नेशनल कांफ्रेंस, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट, द आवामी इत्तेहाद पार्टी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट भी शामिल हैं, ने अपना लक्ष्य केवल जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्ज की बहाली तक नहीं रखा है बल्कि कश्मीर मुद्दे का पूरा समाधान उसका एजेंडा है।
डॉ. अब्दुल्ला ने इस बात का भी संकेत दिया कि लद्दाख समेत जम्मू-कश्मीर के पुराने हिस्सों के सदस्यों को भी विश्वास में लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगली बैठक बहुत जल्द होगी। मेडिकल इमरजेंसी की बात कहकर कांग्रेस नेता जीए मीर ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया।
इस बीच, 14 महीने बाद जेल से रिहा हुईं महबूबा मुफ्ती ने अपने पिता मुफ्ती मुहम्मद सईद की कब्र पर उनका दर्शन करने गयीं।
कश्मीर के बिजबेहरा में स्थित मुफ्ती की कब्र के दौरे के समय उनके साथ पार्टी के बहुत सारे नेता मौजूद थे।
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