झारखंड के एन एच-33 पर स्थित टोल प्लाजा पर हुए हंगामे के बाद आदिवासी संगठनों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। बता दें कि 16 फरवरी को काली मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती और उनके समर्थकों ने टोल प्लाजा पर कार्यरत कर्मचारियों के साथ जमकर मारपीट की। घटना के बाद 18 फरवरी, शनिवार को नीमडीह प्रखंड के चिंगड़ा पाड़कीडीह मैदान में आदिवासियों की सामाजिक संस्था पातकोम दिशोम मांझी परगना महोल की बैठक की गई।
बैठक में पाटा की घटना का विरोध करते हुए कहा गया कि किसी भी व्यक्ति को कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है। बैठक में बताया गया कि घटना के दौरान झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारी स्व. बंगाली मुर्मू के पुत्र संजय मुर्मु के साथ भी मारपीट की गई और जाति सूचक शब्दों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। घटना से आदिवासी समुदाय के सम्मान को ठेस पहुंची है।
पातकोम दिशोम मांझी परगना महोल ने पुलिस से दोषियों को फौरन गिरफ्तार करके जेल भेजने की मांग की है। बैठक में निर्णय लिया गया कि घटना को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर मामले की जानकारी दी जाएगी और इंसाफ की मांग की जाएगी।
16 फरवरी की शाम झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिला के चांडिल थाना क्षेत्र के एन एच- 33 पर बने टोल प्लाजा के डाउन लेन पर उस वक्त तनाव के हालात पैदा हो गए, जब टोल प्लाजा के कर्मियों के साथ महंत विद्यानंद सरस्वती और उनके समर्थकों द्वारा जमकर मारपीट और तोड़फोड़ की गई।
महंत विद्यानंद सरस्वती और उनके समर्थकों ने करीब एक घंटे तक उत्पात मचाया। इतना ही नहीं महंत के समर्थकों ने टोल प्लाजा में लगे सीसीटीवी कैमरे और दूसरे सामानों को भी तोड़ डाला। चश्मदीदों के अनुसार टोल कर्मियों ने किसी तरह छिपकर अपनी जान बचाई।
महंत विद्यानंद सरस्वती अपनी बगैर नम्बर प्लेट की नयी ग्रैंड विटारा कार से टोल प्लाजा डाउन वीवीआईपी लेन से पारडीह काली मंदिर की ओर जाना चाह रहे थे। ड्यूटी पर तैनात टोल कर्मी ने महंत की गाड़ी को रोक दिया। जिसपर ड्राईवर ने टोल कर्मी के साथ बदसलूकी करते हुए मारपीट करना शुरू कर दिया।
इस बीच गाड़ी में बैठे महंत ने अपने चेलों को इसकी सूचना दे दी। देखते ही देखते पूरे टोल प्लाजा पर हालात गंभीर हो गए। महंत के चेलों ने खूब उत्पात मचाया। जिसके हाथ जो लग रहा था वह उसी से टोल प्लाजा को नुकसान पहुंचा रहा था। इंसान हो या सामान वे लोग सभी को नुकसान पहुंचा रहे थे।
यह सबकुछ महंत विद्यानंद सरस्वती की मौजूदगी में हुआ। चश्मदीदों के अनुसार पप्पू वर्मा और भारतीय जनता युवा मोर्चा सरायकेला के आकाश महतो जो महंत के चेले हैं उन्होंने भी अपने समर्थकों के साथ टोल प्लाजा पर जमकर उत्पात मचाया। सूचना मिलते ही चांडिल थाना प्रभारी अजित कुमार पुलिस दल के साथ टोल प्लाजा पहुंचे और महंत विद्यानंद सरस्वती के आगे समर्थकों से हिंसा रोकने की गुहार लगाते रहे।

लेकिन महंत और उनके समर्थको ने थानेदार की एक न सुनी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीपीओ संजय कुमार सिंह, विधायक सविता महतो, झामुमो केंद्रीय सदस्य क़ाबलू महतो भी मौके पर पहुंचे और मामले को शांत कराने में जुट गए।
टोल प्लाजा पर भयानक मंजर देखकर आसपास के ग्रामीणों ने भी महंत और उनके चेलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। दोनों ओर से विरोध के बाद अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया गया।
ग्रामीणों के गोलबंद होते ही महंत के चेले नरम पड़ने लगे। तब जाकर हालात पर काबू पाया गया। उसके बाद महंत पारडीह काली मंदिर चले गए, जहां उनके साथ चांडिल एसडीपीओ संजय कुमार सिंह और विधायक सविता महतो और जेएमएम के केंद्रीय सदस्य बबलू महतो सहित महंत के सैकड़ों समर्थक पारडीह काली मंदिर पहुंचे। जहां महंत ने पुलिस को टोल कर्मी द्वारा बदसलूकी किए जाने संबंधी लिखित शिकायत दर्ज कराई।
इधर मामले पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया एनएचआई के स्थानीय प्रबंधक अनुराग चौहान ने बताया कि हंगामा करने वालों ने टोल के साथ-साथ सीसीटीवी को भी नुकसान पहुंचाया है, इसलिए उनके पास हंगामें के कोई सबूत नहीं है। इसकी शिकायत एनएचआई से कर दी गई है। वहां से ऑनलाइन रिकॉर्ड मंगवाया जा रहा है। उस आधार पर शिकायत दर्ज कराई जाएगी।
उन्होंने बताया कि सरकारी काम में बाधा पहुंचाया गया है। हमारे कर्मियों ने कोई गलती नहीं की थी। बेवजह मामले को तूल दिया गया। हमलोग स्थानीय लोगों का पूरा सहयोग और सम्मान करते हैं। उन्होंने बताया कि महंत जी की नई गाड़ी में नंबर प्लेट नहीं लगा था और हमारे कर्मी उनके ड्राईवर को और उन्हें नहीं पहचानते थे।
पहले महंत के ड्राईवर ने कर्मी की पिटाई कर दी। जिसके कारण हमारे सारे कर्मी डरे-सहमे हुए हैं और उन्होंने टोल में काम करने से मना कर दिया है। उन्होंने बताया कि इस तरह के उपद्रव से आसपास के ग्रामीण भी भड़के हुए हैं। उन्होंने भी पुलिस से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

बैठक मांझी बाबा (आदिवासी स्वायत्त व्यवस्था का पद) ज्योतिलाल बेसरा ने कहा कि महंत विद्यानंद सरस्वती को स्थानीय लोगों से माफी मांगनी चाहिए। क्योंकि उन्होंने स्थानीय आदिवासी युवाओं के साथ मारपीट करवाई है। महंत विद्यानंद सरस्वती को इस तरह के कार्य शोभा नहीं देते हैं।
उन्होंने सवाल किया कि जब महंत विद्यानंद सरस्वती करोड़ों रूपये की गाड़ी में घूम सकते हैं तो उन्हें टोल टैक्स देने में क्या दिक्कत हो गयी? हाप परगना ठाकुर दास बेसरा की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्य रूप से काशीपुर मांझी बाबा ज्योतिलाल बेसरा, कालीपद मुर्मु, श्यामल मार्डी के साथ कई लोग मौजूद थे।
(विशद कुमार वरिष्ठ पत्रकार हैं और झारखंड में रहते हैं)
+ There are no comments
Add yours