मणिपुर हिंसा: गुजरात में आदिवासियों का बंद का आह्वान, कांग्रेस और आप का भी समर्थन 

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मणिपुर में कुकी समुदाय की दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न घुमाने और उनका यौन उत्पीड़न करने वाले वीडियो के सामने आने के बाद से पूरा देश गुस्से में है। लोग सोशल मीडिया पर अपना दुख और आक्रोश अभिव्यक्त कर रहे हैं। विभिन्न संगठन और नागरिक समूह देशभर में विरोध-प्रदर्शन किर रहे हैं। कई जगहों पर महिला संगठनों ने अपने गुस्से का इजहार किया। आदिवासी संगठन इस कुकृत्य को अपने अस्तित्व पर हमला बता रहे हैं और जगह-जगह विरोध जता रहे हैं।

झारखंड में आदिवासी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का पुतला फूंका। झारखंड के बाद पूरे देश के आदिवासी समाज में विरोध-प्रदर्शन जोर पकड़ रहा है। अब गुजरात के आदिवासी जिलों के नेता भी इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आदिवासी एकता मंच सहित कई जनजातीय संगठनों ने गुजरात के आदिवासी बहुल जिलों में रविवार 23 जुलाई को बंद का आह्वान किया है। 

आम आदमी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक चैतर वसावा ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके (जो खुद आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं) से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की मांग की है और जिलों में बंद की घोषणा की है। वसावा ने उम्मीद जताई कि बंद “सरकार को संवेदनशील बनाएगा और उसका ध्यान मणिपुर की ओर आकर्षित करेगा।” उन्होंने सभी दलों से बंद का समर्थन करने की अपील की।

आदिवासी निकायों के संपर्क में आने के बाद कांग्रेस ने भी बंद का समर्थन करने की घोषणा की है। मणिपुर की हालात के लिए भाजपा सरकार को दोषी ठहराते हुए कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि बंद “उत्तर में अंबाजी से लेकर दक्षिण में उमरगांव तक पूरे आदिवासी क्षेत्र में प्रभावी होगा।” उन्होंने मणिपुर की स्थिति के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। गुजरात में देश की अनुसूचित जनजाति (एसटी) आबादी का लगभग आठ फीसदी हिस्सा है जो मुख्य रूप से राज्य के पूर्वी जिलों में केंद्रित है।

मणिपुर में तीन मई को उस समय हिंसा भड़क गई जब मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग के विरोध में कुकी समुदाय ने एक मार्च आयोजित किया था। हिंसा में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं। कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया। लोग अपना घर छोड़कर भागने को मजबूर हो गए। 

कुकी समुदाय की दोनों महिलाओं का ये वीडियो 4 मई का है यानि हिंसा शुरु होने से ठीक एक दिन बाद उनके साथ हैवानियत की गई। हिंसा में महिलाओं को निशाना बनाकर उनके साथ हैवानियत की जा रही है। खुद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एक टीवी एंकर से बातचीत के दौरान बड़ी बेशर्मी के साथ ये कहा कि राज्य में इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं, ये तो सिर्फ एक वीडियो है। 

इस वीडियो के सामने आने के बाद देशभर में आदिवासी समुदाय सकते में है क्योंकि कुकी समुदाय आदिवासी समाज से ताल्लुक रखता है।

( कुमुद प्रसाद जनचौक की सब एडिटर हैं।)

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