उत्तराखण्ड के शिक्षामंत्री के अशिक्षित स्टाफ ने रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान का कर दिया डिमोशन

मोदी सरकार ने जनरल अनिल चौहान की सैन्य नेतृत्व क्षमता और उनकी बेहतरीन सैन्य सेवा को ध्यान में रखते हुये देश की तीनों सेनाओं का प्रमुख बना दिया लेकिन उत्तराखण्ड के शिक्षामंत्री डॉ. धनसिंह रावत के अति शिक्षित स्टाफ ने अनिल चौहान को एक बार फिर लेफ्टिनेंट जनरल बना दिया। जनरल चौहान सेवारत् चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हैं लेकिन शिक्षामंत्री के जनसंपर्क अधिकारी और मीडिया प्रभारी को सीडीएस अब भी सेवा निवृत्त नजर आ रहे हैं।

सेना मुख्यालय में सैन्य सचिव की शाखा भारतीय सेना के पूरे अधिकारी संवर्ग की पदोन्नति और पोस्टिंग के लिए जिम्मेदार है। सैन्य सचिव सेनाध्यक्ष के प्रधान स्टाफ अधिकारियों में से एक होता है। इस पद पर उत्तराखण्ड के लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट रह चुके हैं। रक्षा प्रमुख अनिल चौहान को सरकारी विज्ञप्ति में लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) बताये जाने के बारे में पूछे जाने पर जनरल भट्ट ने बताया कि जनरल अनिल चौहान 2021 में जब रिटायर हुये थे, तब वह तीन सितारा लेफ्टिनेंट जनरल थे और यह पद नाम उनकी सीडीएस पद पर नियुक्ति तक था। लेकिन आज वह फोर स्टार जनरल होने के साथ ही तीनों सेनाओं के प्रमुखों में भी प्रथम या प्रमुख हैं। सैन्य अधिकारी को चार सितारे केवल जनरल रैंक पर ही मिलते हैं।

जनरल भट्ट के अनुसार जनरल अनिल चौहान को पुनः सेना में ले लिया गया है और अब उनकी नये पद के सेवाकाल की अवधि पूरी होने पर सेवा निवृत्ति होनी है। इसलिये अब वे जब भी रिटायर होंगे उन्हें तब रिटायर्ड या सेवा निवृत्त सीडीएस या रक्षा प्रमुख कहा जायेगा। इसलिये उनको रिटार्ड लेफ्टिनेंट जनरल बताना आपत्ति जनक है और अगर यह कार्य किसी सरकारी विभाग द्वारा किया जाता है तो वह और भी गंभीर बात है।

उत्तराखण्ड के एक संबंधित अधिकारी का ध्यान विज्ञप्ति जारी होने के बाद जयसिंह रावत ने इस गंभीर त्रुटि की ओर आकर्षित कर दिया था। उसके बाद कुछ समय के लिये मीडिया सेंटर ने उस विज्ञप्ति को हटा दिया था। लेकिन बाद में पुनः एक कुतर्क के साथ वही विज्ञप्ति पुनः जारी कर दी गयी जिसमें भारत के रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान को पुनः लेफ्टिनेंट जनरल ही बताया गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षामंत्री के स्टाफ के जोर देने पर सूचना विभाग को दुबारा गलती करने के लिये विवश किया गया।

हैरानी का विषय कहें या उत्तराखण्ड का दुर्भाग्य, प्रदेश में शिक्षा की ज्योति जला कर अज्ञान और अशिक्षा का अंधकार दूर करने के लिये जिम्मेदार महकमे के मंत्री के कार्यालय को अभी तक जनरल अनिल चौहान तीन सितारा ( थ्री स्टार) लेफ्टिनेंट जनरल ही नजर आ रहे हैं। कहते हैं कि जब सावन के महीने में कोई अन्धा हो जाय तो उसे बारहों महीने हरियाली ही नजर आती है। गलतियां सुधारने के बजाय उनका स्टाफ अपनी मूर्खता छिपाने के लिये सूचना विभाग के अधिकारियों पर रौब गालिब कर गलती को सही साबित करने का कुप्रयास करता है।

(देहरादून से वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत की रिपोर्ट।)

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