सौगात-ए-मोदी या ईदी के पीछे का राज क्या है?

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सौगात-ए-मोदी के नाम से बीजेपी का 32 लाख मुसलमानों को थैला भर सामग्री बांटने का सिलसिला जारी हो चुका है। मोदी की तस्वीर लगे उस थैले में खाद्य सामग्री, ड्राई फ्रूट्स, खजूर, शक्कर, महिलाओं के लिए सलवार सूट और पुरुषों के लिए कुर्ता पाजामा का कपड़ा शामिल है।

तेरी मेहरबानियां आजकल चर्चाओं में हैं। कुछ लोगों का ख्याल है कि ये सौगातें मोहब्बत का पैग़ाम बतौर हैं तो कुछ का कहना यह है कि यह बिहार के मुसलमानों से वोट मांगने का हथकंडा है। बिहार में लगभग 17फीसदी मुसलमान हैं। कुछ इस वक्फ बिल के परिप्रेक्ष्य में भी देख रहे हैं जबकि वस्तुस्थिति यह है कि अमेरिका के प्रेसीडेंट ने विगत दिनों जिस तरह मुसलमानों के साथ मोदी जी द्वारा किए अमानवीय व्यवहार का विश्व पटल पर खुलासा किया है उससे अरब कंट्रीज़ की आंख खुल गई है। उनमें मोदी के प्रति नफ़रत ने जन्म लिया है जिसके परिणाम आने वाले दिनों में सामने आ जाएंगे।

डोनाल्ड ट्रम्प के इस खुलासे से मोदी की दोगली नीतियां उजागर हुई हैं। घर में जिनका घनघोर तिरस्कार और बुलडोजर से सत्कार हो रहा है वह बात आज के युग में छुपी नहीं सकती है। यह भी सच एक समय के हाऊडी मोदी और नमस्ते ट्रम्प की यारी ही आज इस मोड़ पर मोदी को ले आई है। वे खंडन भी नहीं कर सकते हैं क्योंकि मस्क के ग्रोक जी उस बात पर ठप्पा लगा देते हैं। भक्त खुद ग्रोक के सामने पस्त पड़ते जा रहे हैं।

तो भाइयों भाईचारे की ओट लेकर चुनाव काल के पूर्व मुसलमान भाइयों को यह ईदी दी जा रही है जिसका चुनाव पर निश्चित असर पड़ेगा क्योंकि मुसलमान ने यदि ईदी ली है तो वह वोट के दौरान बेईमानी नहीं करेगा। यह बात भाजपा जानती है। उनके ईमान को पहचानती है।

इस सौगात की चर्चा निश्चित ही दुनिया भर में होगी जिससे वे डोनाल्ड ट्रम्प की बात की काट निकालने का दांव चल रहे हैं। जबकि सच ये है कि जगतगुरु का दर्ज़ा अमेरिका के लेने के बाद मोदी जी असलियत सामने आती जा रही है।एक दुष्ट तानाशाह से मोदी निपट सकने की सामर्थ्य को चुके हैं।उनके आगे समर्पण करना। ट्रम्प की सभी बातें मानकर देशवासियों का जो अपमान हुआ है। उसके सामने मोदीजी की खुलती असलियत से भारत को भी सबक लेना होगा।

कुल मिलाकर ईदी या सौगात-ए-मोदी एक बड़ा करिश्मा है जिसके निहितार्थ में जितना अमेरिका का इल्ज़ाम शामिल है उतना ही संघ के डंडे का ज़ोर है। देखिए तीस मार्च को जब राहु-केतु साथ-साथ नागपुर में होंगे तब क्या कहर बरपेगा। उम्मीद है कि भारत के मुसलमानों को मोहब्बत के जाल में फांसने हेतु उन्हें ऐसी ही ईदियां मिलेंगी क्योंकि  दुनिया में नया विश्वास ज़माना भी होगा। सुना जा रहा है कि ऐसी ही किट सिख और ईसाई भाइयों को भी देने का प्रावधान हुआ है।

शिवसेना (उद्धव ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस योजना को ‘सत्ता जिहाद’ करार दिया है। जबकि यह मुख में राम बगल में छुरी का मामला है। देश के लोग भले इस सौगात को सहजता से ले लें। किंतु इससे कालिख हटने वाली नहीं है।

(सुसंस्कृति परिहार लेखिका और एक्टिविस्ट हैं।)

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