कल सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी सीबीआई टीम के साथ एड्समेट्टा गए थे
एड्समेट्टा में आज से 4 साल पहले पुलिस ने 9 आदिवासियों को माटी पंडूम मनाते समय गोली से उड़ा दिया था
मरने वाले आदिवासियों में बच्चे भी शामिल थे
बाद में पुलिस ने कहा कि उसने नक्सलियों को मारा है
छत्तीसगढ़ में पीयूसीएल के हमारे साथी डिग्री प्रसाद चौहान इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे

और अभी 2 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में मानव अधिकार वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करी
जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया
और सीबीआई टीम को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के एड्समेट्टा गांव में जाकर जांच करने का आदेश दिया
जांच करने के लिए सीबीआई टीम छत्तीसगढ़ पहुंची तो पुलिस अधीक्षक ने सीबीआई टीम को रोकने के लिए झूठे बहाने बनाने शुरू किये
और कहा कि आपका जाना सुरक्षित नहीं है नक्सलियों का डर है
सीबीआई टीम ने सोनी सोरी से कहा कि आप हमारी मदद कीजिए
सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी सीबीआई टीम के साथ एड्समेट्टा गांव तक पहुंचे
गांव में पहले से ही एक अजनबी व्यक्ति पहुंच कर गांव वालों के बीच में बैठ गया था
गांव वालों ने पूछा आप कौन हैं ?
तो उस व्यक्ति ने कहा मैं मीडिया से हूं

लेकिन उस व्यक्ति ने पुलिस यूनिफार्म वाले जूते पहने हुए थे
गांव वालों ने कहा कि आप के जूते पुलिस के हैं
तो उस व्यक्ति ने जवाब दिया नहीं मेरी चप्पल टूट गई थी इसलिए मैंने किसी से मांग कर यह जूते पहन लिये हैं
जब सीबीआई की टीम एड्समेट्टा से गांव वालों के बयान लेकर वापस जा रही थी
तो वह पुलिस वाला उसी इलाके में मौजूद पुलिस टीम की तरफ जाने लगा
तो गांव की महिलाओं ने कहा कि यह पुलिस की तरफ जा रहा है यह जरूर पुलिस वाला है
आदिवासी महिलाओं के इतना कहते ही वह पुलिस वाला पुलिस टीम की तरफ दौड़ पड़ा
ग्रामीण आदिवासी महिलाओं ने उस पुलिस वाले को पकड़ लिया और सीबीआई टीम के सामने पेश किया
सीबीआई टीम की अगुवाई कर रही महिला अधिकारी ने ग्रामीण महिलाओं से कहा क्षमा कीजिए
आदिवासी महिलाओं ने कहा आपने गलती नहीं की है
लेकिन यह पुलिस वालों की बदमाशी आप देखिए

अगर यह आपके सामने इतनी बदमाशी कर सकते हैं
तो आपके पीछे से क्या हरकतें करते होंगे ?
पुलिस आखिर इतना डरी हुई क्यों है ?
मतलब साफ है इस मामले में आदिवासियों के कत्ल में पुलिस सीधे-सीधे शामिल है
और छत्तीसगढ़ में आदिवासियों का कत्ल करने का सरकार ने पुलिस को आदेश दिया है
और सरकार ने आदिवासियों का कत्ल करने का पुलिस को आदेश इसलिए दिया है
क्योंकि सरकार पूंजीपतियों के लिए आदिवासियों की जमीन छीनने में लगी हुई है
इस पूरे मामले में सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी साथ गए मीडिया के साथियों और आदिवासियों ने बहुत बहादुरी का परिचय दिया है
देखना है कि इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय क्या निर्णय देता है
(हिमांशु कुमार गांधीवादी कार्यकर्ता हैं और आजकल हिमाचल प्रदेश में रहते हैं।)
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