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यहां से आया मोदी के 5 ट्रिलियन डालर इकोनामी का जुमला

मोदी जी का नया जुमला ‘5 ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी’ है। गाहे बगाहे अब वह हर भाषण – संदेश में बोलते पाये जा रहे हैं कि भारत को 2025 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। ध्यान दीजिए कि यह बात 2025 के लिए कही जा रही है, पहले हर योजना का लक्ष्य 2022 हुआ करता था अब हर नयी योजना का लक्ष्य 2025 होगा, 2024 भी नहीं सीधे 2025।

अब मेक इन इंडिया, नमामि गंगे, स्टार्टअप इंडिया स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं का कोई नामलेवा नही है, देश को 100 स्मार्टसिटी मिलने वाली थी उसका कोई अता पता नहीं है, कोई पूछता भी नहीं है। और जो पूछे उससे पहले यह बताने के लिए कहा जाता है कि दिल्ली में पार्किंग विवाद में मंदिर में तोड़फोड़ हो गयी उस पर आपका क्या कहना है?

सच तो यह है कि इस देश की जनता अगर बेवकूफ बनने को तैयार बैठी है तो बनाने वालों को क्यों दोष दिया जाए। जब आखिरी साल में चुनाव समाज में साम्प्रदायिक वैमनस्य फैला कर फर्जी सर्जिकल-एयर स्ट्राइक से झूठा राष्ट्रवाद फैलाकर जीते जा सकते हैं तो क्यों न जुमलों से ही चार साल बहलाया जाए। मीडिया तो है गुलाम उसके जरिए तो गोबर को भी केक बना कर प्रस्तुत किया जा सकता है। तो ऐसे ही सही।

बहरहाल बात 5 ट्रिलियन के जुमले की चल रही थी आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि यह जुमला आया कहां से? दरअसल फरवरी 2018 में इकोनॉमिक टाइम्स अखबार ने ग्लोबल बिजनेस समिट (जीबीएस) आयोजित किया था। प्रधानमंत्री मोदी भी वहीं मौजूद थे। उस वक्त यस बैंक के एमडी और सीईओ राणा कपूर भी मंच पर मौजूद थे। उन्होंने ही कहा था कि भारत जल्द ही 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने वाला है। “बीते कुछ सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी सुधार देखने को मिला है। प्रतिद्वंद्वियों को ही नहीं, भारतीय अर्थव्यवस्था ने दिग्गज देशों को भी पीछे छोड़ा है। अब हम कमजोर अर्थव्यवस्था नहीं हैं। हम जल्द ही $5 ट्रिलियन वाले क्लब का हिस्सा बनने वाले हैं।”

बस यहीं से मोदीजी ने यह 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी वाली बात लपक ली और उसे 2025 के रैपर में डाल कर पेश कर दिया। यह बात दीगर है कि उस भाषण के कुछ समय बाद ही यस बैंक के एमडी और सीईओ राणा कपूर पर यस बैंक में भारी वित्तीय अनियमितता करने के आरोप लगे और उन्हें रिज़र्व बैंक ने डायरेक्टर के रूप में अगला एक्सटेंशन देने से इंकार कर दिया अब हाल यह है कि राणा कपूर नेक्स्ट चन्दा कोचर बनने की राह पर हैं। कुछ महीने पहले ही रिजर्व बैंक ने राणा कपूर से उनको 2014-15 और 2015-16 में दिया गया 100 फीसदी प्रदर्शन बोनस वापस जमा करने को कहा है।

अब ऐसे विवादों में घिरे आदमी की बातों से प्रेरणा लेकर मोदी जी पूरे देश को नया सपना दिखा रहे हैं जिसे 2025 में पूरा करने की बातें की जा रही हैं और वो बातें सिर्फ बातें ही हैं क्योंकि वास्तविकता में उसके लिए हर साल जीडीपी में 13 प्रतिशत की ग्रोथरेट चाहिए। जबकि अगले साल 2019-20 की अनुमानित ग्रोथ स्वयं मोदी सरकार ने सिर्फ 7 प्रतिशत ही रखी है। 

(गिरीश मालवीय स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं और आजकल इंदौर में रहते हैं।)

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One thought on “यहां से आया मोदी के 5 ट्रिलियन डालर इकोनामी का जुमला

  1. जहाँ वास्तविक पढ़े लिखे, समझदारों की संख्या कम है, वहाँ कुछ भी झूठ-सच बोल बहला कर काम चलाया जा सकता है। यहाँ तो इस समय सत्ताधारी दल में ही ऐसे लोगों की संख्या नगण्य है, हाँ धूर्तता की कोई कमी नहीं ।

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