Friday, April 19, 2024

ग़ाजीपुर बॉर्डर पर बच्चों की पाठशाला चला रहीं निर्देश सिंह के खिलाफ़ 3 साल पुराने मामले में गिरफ्तारी वारंट

आज 10 मार्च सावित्री बाई फुले परिनिर्वाण दिवस के दिन सावित्री बाई फुले महिला ब्रिगेड की संस्थापक और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में किसानों के बच्चों को पढ़ाने के लिए सावित्री बाई फुले पाठशाला की संचालिका निर्देश सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भेजा गया है। ये वारंट तीन साल पहले एट्रोसिटी एक्ट को न्यायपालिका के रास्ते कमजोर किये जाने के खिलाफ़ 2 अप्रैल, 2018 को बुलाये गये ‘भारत बंद’ में शामिल होकर मुरादाबाद में ट्रेन रोकने के लिए भेजा गया है। निर्देश सिंह को गिरफ़्तारी वारंट वॉट्सअप के जरिये भेजा गया है। 

इस पूरे मामले में निर्देश सिंह बताती हैं कि “उस वक़्त कुछ भी नहीं हुआ था। एक एफआईआर भी नहीं। तब से मुरादाबाद में 3 इंस्पेक्टर आये और चले गये। पिछले साल इन लोगों ने 127 लोगों के नाम लिखे थे जिन्होंने मुरादाबाद में 2 अप्रैल 2018 के बारत बंद आंदोलन में भाग लिया था। उनमें से अधिकांश छात्र और सरकारी नौकरीपेशा लोगों के नाम थे। मैंने बहुत दौड़-धूप कर उन लोगों के नाम कटावाए, ये कहते हुए कि उस आंदोलन को मुरादाबाद में मैंने लीड किया था। तो यदि आपको कुछ करना है तो मेरे खिलाफ़ करिये, मुझसे संपर्क रखने वाले छात्रों और नौकरीपेशा लोगों को मत परेशान कीजिए। तब मुझसे कहा गया था कि कुछ नहीं होगा। कोई केस ही नहीं है किसी के खिलाफ़”।

निर्देश सिंह आगे बताती हैं कि इन लोगों को सारी परेशानी शिक्षा से, लोगों के शिक्षित होने से है। किसान आंदोलन में शामिल हर एक प्रभावशाली व्यक्ति को अलग-अलग तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। मेरे खिलाफ़ कार्रवाई करने के लिए इनके पास कोई ठोस कारण नहीं था तो अब तीन साल पुराने मामले को नये सिरे से खड़ा करके मुझे सलाखों के पीछे भेजने की तैयारी की गई है। एक दलित एक्टिविस्ट नौदीप कौर अभी बाहर आई है तो दूसरी को भेजने की कोशिश चल रही है।

निर्देश सिंह आगे कहती हैं दरअसल हम बहुजन समाज के लोग ही इस सरकार के खिलाफ़ असली विपक्ष हैं। बाकी तो हर जगह इन्होंने विपक्ष को खत्म कर दिया है। इसलिए दलित बहुजन समाज के लोग लगातार इनके निशाने पर हैं। चाहे आप भीमा कोरेगांव विजय की 200 वीं सालगिरह मनाने पर दलित स्कॉलर आनंद तेलतुंबडे समेत दर्जन भर लोगों की गिरफ्तारी के ले लें, रोहित वेमुला की संस्थानिक आत्महत्या का ममला ले लें, उना कांड के देख लें, 2 अप्रैल 2018 के भारत बंद आंदोलन के बाद देश भर से हजारों लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजना हो, या फिर नौदीप कौर, शिव कुमार को गिरफ्तार करके यातना देने का मामला। दलित बहुजन समाज के लोग लगातार इस सरकार के निशाने पर हैं।

निर्देश सिंह कहती हैं आरक्षण पर लगातार हमला किया जा रहा है। 13 प्वाइंट रोस्टर लागू करके सरकार ने विश्वविद्यालयों से हमें बाहर करने का रास्ता निकाला, लेट्ररल इंट्री के जरिये सरकार प्रशासन में हमारी भागीदारी खत्म कर रही है, सरकारी संस्थानों और सेवाओं का निजीकरण करके दलित बहुजन समाज का प्रतिनिधित्व छीन रही है। कुल मिलाकर सरकार की हर नीति, हर कदम पर निशाने पर दलित बहुजन समाज के लोग ही हैं।

निर्देश सिंह ने आखिर में कहा, “मुझे गिरफ़्तार करके सरकार माता सावित्री बाई फुले द्वारा 200 साल पहले जलाये गये शिक्षा की मशाल को बुझा नहीं पायेगी।”

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