असम: सीएम की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ‘न्याय यात्रा’ पर हमला, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष घायल

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नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार 21 जनवरी को राहुल गांधी से श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान बोरदोवा की अपनी यात्रा को तब तक के लिए टालने के लिए कहा जब तक कि अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का समारोह पूरा नहीं हो जाता। कांग्रेस का आरोप है कि इससे कुछ ही घंटे पहले न्याय यात्रा पर संदिग्ध भाजपा सदस्यों ने हमला कर दिया। हमले में असम कांग्रेस अध्यक्ष घायल हो गए और उनकी नाक से खून बहने लगा।

बोरदोवा थाना प्रबंधन समिति ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के साथ मिलकर राहुल गांधी से अपना दौरा देर दोपहर तक रोकने के लिए कहा लेकिन कांग्रेस सोमवार यानि 22 जनवरी को सुबह होने वाले दौरे पर अड़ी रही।

इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश की कार पर हुए हमले और राज्य कांग्रेस प्रमुख भूपेन कुमार बोरा पर हमलों के बाद सोनितपुर जिले में न्याय यात्रा में भाग ले रहे वरिष्ठ नेताओं का गुस्सा बढ़ गया।

बोरा ने हमले के बाद एक बैठक में अपना खून से सना रूमाल लहराते हुए कहा “हम लड़ेंगे। हमने आज अपना खून दिया, जरूरत पड़ी तो हम अपनी जान भी दे देंगे।”

उन्होंने कहा कि जब उन्होंने यात्रा बस पर हमले को रोकने की कोशिश की तो भाजपा के गुंडों ने उन पर “हमला” किया। पार्टी के एक नेता ने कहा कि एक कांग्रेस कार्यकर्ता हृदय दास घायल हो गए। सोनितपुर जिले के एक कांग्रेस नेता ने बोरा पर हमले को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस का कहना है कि उसने जांच शुरू कर दी है।

वहीं मुख्यमंत्री सरमा ने भी पुलिस से कहा है कि वो जयराम रमेश की गाड़ी पर हमले की जांच करे। हमले से कुछ समय पहले सरमा ने गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी से दोपहर 2 बजे के बाद बोरदोवा थान (नागांव जिले में) जाने का अनुरोध किया  जब तक कि अयोध्या में राम मंदिर का अभिषेक पूरा नहीं हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “मैं राहुल गांधी से अनुरोध करूंगा कि वह कल बताद्रवा (बोरदोवा) जा सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं लगना चाहिए कि जैसे राम मंदिर और बताद्रवा के बीच कोई प्रतिस्पर्धा है।”

उन्होंने कहा कि “हमें अच्छा लगेगा वरना टीवी स्क्रीन पर दो विंडो होंगे। हम किसी को जाने से नहीं रोक सकते लेकिन टीवी पर वे दो विंडो असम की छवि खराब करेंगे। टीवी पर एक तरफ राम मंदिर का अभिषेक दिखाया जाएगा और दूसरी तरफ बताद्रवा का।”

उन्होंने कहा कि ”दोनों जगहों के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है और राहुल गांधी को यहां आकर प्रतिस्पर्धा पैदा नहीं करनी चाहिए। टीवी पर कोई दो विंडो नहीं होना चाहिए। यह असम के लोगों के लिए बहुत दुखद होगा।”

सरमा की बातों से साफ जाहिर होता है कि वे नहीं चाहते कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का विजुअल जिसमें खुद पीएम मोदी होंगे उसे राहुल गांधी के विंडो के साथ दिखाया जाए। वे चाहते हैं कि टीवी पर सिर्फ पीएम मोदी ही दिखाई पड़ें।

सरमा ने कहा कि उन्हें दुख है कि राहुल ने सोमवार को बोरदोवा जाने का फैसला किया और जगीरोड और मोरीगांव से भी गुजरे जो संवेदनशील इलाके हैं।

उन्होंने कहा कि “उन्हें इन जगहों पर जाने से बचना चाहिए था। मैं उनसे आधिकारिक तौर पर नहीं पूछूंगा क्योंकि वे तमाशा बना देंगे। पुलिस तैनात की जाएगी, और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई संघर्ष या झड़प न हो क्योंकि उनकी यात्रा में एक विशेष समुदाय आता है।”

उन्होंने कहा कि “मैं थोड़ा परेशान हूं क्योंकि राहुल गांधी ने जानबूझकर मोरीगांव जिले को यात्रा के लिए क्यों चुना जहां 1983 में नेल्ली नरसंहार हुआ था। नेल्ली नरसंहार के कारण उन्हें मोरीगांव और जगीरोड नहीं जाना चाहिए था। कानून-व्यवस्था के नजरिये से उन्हें वहां जाने से बचना चाहिए था।”

नेल्ली नरसंहार के दौरान बड़ी संख्या में बांग्ला भाषी मुसलमान मारे गए थे।

मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी से दो अनुरोध किया और कहा कि “अगर आप कल मोरीगांव, नगांव और जगीरोड से बच सकें तो अच्छा होगा। वे एक दिन आराम कर सकते थे। और बताद्रवा को राम मंदिर के साथ प्रतिस्पर्धा में मत खड़ा करो क्योंकि मैंने क्रॉसचेक किया है कि बताद्रवा सत्र समिति ने उन्हें आमंत्रित नहीं किया है।“

उन्होंने कहा कि “मैंने कल नेश्नल चैनल पर एक खबर देखी कि जब मोदी राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करेंगे तो राहुल गांधी शंकरदेव के जन्मस्थान पर होंगे। यह गलत है क्योंकि किसी ने उन्हें वहां आमंत्रित नहीं किया है। वह अकेले जाना चाहते हैं।”

प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद श्री श्री बताद्रवा थान परिचलन समिति ने कहा कि राहुल दोपहर 3 बजे के बाद आ सकते हैं। स्थानीय विधायक को लिखे पत्र में समिति ने कहा कि उसने एक आपातकालीन बैठक में राहुल का स्वागत करने का फैसला किया था लेकिन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर थान में बड़ी संख्या में भक्तों के आने की संभावना थी जिसे ध्यान में रखते हुए समिति ने विधायक से कहा कि वह दोपहर तीन बजे से पहले राहुल के दौरे की अनुमति नहीं दे सकेगी।

कांग्रेस की एक नेता ने द टेलीग्राफ को बताया कि जैसा कि तय किया गया था राहुल सोमवार सुबह 7 बजे 15वीं सदी के संत-सुधारक-नाटककार शंकरदेव को श्रद्धांजलि देने के लिए थान जाएंगे।

समिति के उस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि राहुल को दोपहर तीन बजे के बाद आना चाहिए उन्होंने कहा कि किसी मंदिर या किसी पूजा स्थल पर जाने के लिए किसी से इजाजत लेने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्रशासन को दौरे के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था।

कांग्रेस नेता ने कहा कि राहुल की बोरदोवा थान की यात्रा अहम है क्योंकि यह हिंदुत्व ब्रिगेड को एक संदेश भेजेगा क्योंकि यह अयोध्या जैसा तीर्थ स्थल है। उन्होंने कहा कि “बोरदोवा में ही शंकरदेव ने एकसारना धर्म की स्थापना की थी और उसका प्रचार किया जो एक ईश्वर के प्रति समर्पण पर जोर देता है और जाति व्यवस्था और सामाजिक पदानुक्रम को खारिज करता है।”

उन्होंने कहा कि “राहुल थान गए या नहीं, बीजेपी इसे मुद्दा बनाएगी। वे कहेंगे कि राहुल गांधी नगांव से गुजरने के बावजूद थान नहीं गए। राहुल जी सुबह दौरे पर रहेंगे, यह पार्टी का अंतिम फैसला है।”

ऐसा लगता है कि बोरा पर हमले ने असम में 15-पक्षीय संयुक्त विपक्षी मंच में हलचल पैदा कर दी है जिसमें कांग्रेस भी शामिल है।

रविवार रात फोरम ने कहा कि गठबंधन के सभी नेता बोरा पर हमले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे जिससे ये जाहिर होता है कि इस हमले का असर सोमवार को भी होगा।

मुख्यमंत्री सरमा ने राज्य में सोमवार शाम 4 बजे तक नॉनवेज की दुकानें बंद रखने, रेस्तरां में दोपहर 2.30 बजे तक मांसाहारी भोजन नहीं परोसने और सरकारी शैक्षणिक संस्थानों को दिन भर बंद रखने को कहा है जिससे काफी माहौल काफी गरम हो गया है।

उन्होंने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को सोमवार दोपहर 2.30 बजे तक बंद रखने और चर्चों और मस्जिदों में विशेष प्रार्थनाएं आयोजित करने का भी अनुरोध किया है और सोमवार को ड्राई डे भी घोषित किया है।

रविवार को कांग्रेस ने यात्रा के दौरान कूच बिहार, अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग और उत्तरी दिनाजपुर जिलों में एक अभियान चलाया जिसमें लोगों को शामिल होने के लिए कहा गया। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 25 जनवरी तक असम में रहेगी।

(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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