Sunday, April 28, 2024

नितिन पटेल का विकल्प बनने के लिए ठगी के शिकार किरीट पटेल ने की खुदकुशी, 15 अगस्त को पाटीदार महापंचायत

मेहसाना। गुजरात के पूर्व उप-मुख्यमंत्री नितिन भाई पटेल भले ही एक ड्रॉप आउट छात्र रहे हों। लेकिन आज भी कड़वा पाटीदार के बड़े नेता हैं। उनका विकल्प बीजेपी को अभी तक मिला नहीं। नितिन पटेल कडी तहसील के नगर अध्यक्ष रहते हुए 1990 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था और विधायक बने थे। 1990 से 2022 तक लगातार कडी और मेहसाना से विधानसभा के सदस्य रहे। 2016 से 2021 तक गुजरात के उप-मुख्यमंत्री रहे। वित्त, राजस्व, शहरी विकास और स्वस्थ जैसे बड़े मंत्रालय संभाल चुके पटेल के हिस्से में मुख्यमंत्री की कुर्सी आते-आते कई बार रह गई।

नितिन पटेल को कट टू साइज़ रखने के लिए पटेल से बहुत ही जूनियर रहे विजय रुपानी और भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बना दिया गया। 2021 में मोदी-शाह की बीजेपी ने उप-मुख्यमंत्री की कुर्सी से उतारते हुए 2022 में विधानसभा का टिकट भी काट दिया। नितिन पटेल को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी न देकर बीजेपी ने प्रह्लाद जोशी का जूनियर बना दिया। भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी को जब राजस्थान का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया। तो गुजरात के पूर्व उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल और हरियाणा के कुलदीप बिश्नोई को सह-चुनाव प्रभारी बनाया दिया। पटेल इस समय राजस्थान में पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

‘आपदा में अवसर’ की कहावत मशहूर है। कड़वा पाटीदारों की राजधानी मेहसाना में भी एक शर्मनाक घटना हुई जहां ठगों की एक टोली ने नितिन पटेल के पतन और विकल्प का झांसा देकर कड़वा पाटीदार नेता किरीट भाई पटेल को ठग लिया। ठगों ने किरीट पटेल को झांसा दिया कि मोदी-शाह वाली बीजेपी ने नितिन पटेल को ठिकाने लगा दिया है। लेकिन बीजेपी के पास गुजरात में नितिन पटेल का अभी तक कोई विकल्प नहीं मिला है। किरीट पटेल को ठगों की टोली ने झांसा दिया कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व आपको नितिन पटेल के विकल्प के तौर पर स्थापित करना चाहता है।

ये घटना 2022 गुजरात विधानसभा से पहले की है। ठगों ने किरीट पटेल को मेहसाना से नितिन पटेल की जगह बीजेपी का टिकट का भी झांसा दिया और 2 करोड़ 40 लाख रुपये ठग लिए। ठगी का आभास होने के बाद किरीट पटेल पुलिस के पास गए तो पुलिस ने प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की। जिला एसपी अचल त्यागी से मिले तो त्यागी ने बीजेपी से टिकट दिलाने वाली बात निकाल दो तो एफआईआर दर्ज हो जायेगी। ठगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए अधिकारियों के अलावा सरकार के कई मंत्रियों से भी किरीट मिले लेकिन किसी ने मदद नहीं की।

अंततः किरीट पटेल ने 1 जुलाई 2023 को अपने ही शैक्षणिक संस्थान में आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के बाद एफआईआर दर्ज तो हुई लेकिन अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई। परिवार का आरोप है कि सीआईडी परिवार के साथ न तो सहयोग कर रही है और न ही परिवार का सहयोग ले रही है।

बीजेपी पृष्टभूमि से आने वाले पाटीदार परिवार ने शुक्रवार को अहमदाबाद सर्किट हाउस में कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी के साथ  प्रेस वार्ता कर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। मृत किरीट पटेल के भाई नरेंद्र पटेल ने कहा “हमें सीआइडी जांच पर भरोसा नहीं है। मामले की सही ढंग से जांच नहीं हो रही है। एक आरोपी कनाडा भाग गया, अन्य किसी नामजद की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसलिए जांच के लिए नई एसआईटी का गठन हो और हमारे द्वारा सुझाए ईमानदार पुलिस अफसरों को जांच दल में रखा जाए।”

नरेंद्र पटेल ने मीडिया को बताया किस प्रकार से दिल्ली से किरीट पटेल को कथित भाजपा के राष्ट्रीय खजांची हरीश गुप्ता का फोन आया करता था। गुप्त ने यकीन दिलाया था कि विधानसभा चुनाव में मेहसाना की सीट पर उन्हें ही टिकट दिया जाएगा। और वह नितिन पटेल की जगह स्थापित हो जायेंगे। ठगों ने किरीट पटेल को गुजराती अखबार “संदेश” में छपी वह खबर भी दिखाई। जिसमें लिखा था कि भाजपा को नितिन पटेल का विकल्प नहीं मिल रहा है।

ठगों ने कहा कि आपके पिता विधायक थे। गांधीजी के साथ स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। आप मेहसाना अर्बन सहकारी बैंक के डायरेक्टर हैं। कन्याओं के लिए शैक्षणिक संस्थान चलाते हैं। कड़वा पाटीदार समाज में चौर्यासी समाज जिससे आप आते हैं सबसे बड़ा समाज है। आपको ही बीजेपी का टिकट मिलेगा।

ठगों ने केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर से मीटिंग करवाई। नरेंद्र पटेल ने मीडिया को बताया कि मंत्री जी के साथ मीटिंग के फोटो और मंत्री जी को भेंट में चांदी का ग्लास देते हुए फोटो है, जो हम जांच एजेंसी को देना चाहते हैं। ठगों ने किरीट पटेल को यकीन दिला दिया था कि प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल को कह दिया गया है कि नितिन पटेल की जगह किरीट पटेल को विधानसभा का उम्मीदवार बनाया जाए।

पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए जिग्नेश मेवाणी ने कहा “भाजपा से 2022 विधानसभा का टिकट दिलाने के नाम पर पांच ठग कैसे भाजपा के केंद्रीय मंत्री और अन्य बड़े नेताओं से मीटिंग कराकर मेहसाना अर्बन बैंक के डायरेक्टर और कड़वा पाटीदार समाज से आने वाले किरीट पटेल से 2 करोड़ 40 लाख ठग लेते हैं। उसके बाद किरीट जब पैसे वापस मांगते हैं तो उन्हें दिल्ली और मध्य प्रदेश के गुंडों से खून कराए जाने की धमकी देते हैं। पुलिस और प्रशासन से सहयोग न मिलने पर किरीट आत्म हत्या कर लेते हैं।

जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि “किरीट पटेल के बटुए से दो पन्ने का सुसाइड नोट मिला है। नोट में मंत्री सहित पांच ठगों का नाम लिखा है। साथ ही सुसाइड नोट में लिखा होता है कि सुबूत और दस्तावेज टीवी के पीछे एक थैली में है। वह थैली मेहसाना पुलिस के हाथ नहीं लगनी चाहिए क्योंकि वह केस को रफा दफा करना चाहती है। इस थैली से एक और 16 पाने का सुसाइड नोट मिलता है।”

मेवाणी राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पर सवाल उठाते हुए कहते हैं। भूपेंद्र जी आप तो दलित, आदिवासी, मुसलमान और वंचित गरीब को न्याय नहीं दे सकते, कम से कम पाटीदार समाज को ही न्याय दिला दो, जिस समाज से आप भी आते हैं। किरीट पटेल पाटीदार के बड़े आगेवान थे। इनके पिता भाईलाल काका भी विधायक थे। इस परिवार को न्याय के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है।”

मेवाणी ने सरकार से पूछा, “क्या केंद्रीय मंत्री के कहने पर पुलिस अपराधियों को बचा रही है? या इन्हें बचाने के लिए बीजेपी का कोई और नेता पुलिस पर दबाव बना रहा है।”

मृत किरीट पटेल की बहन पार्वती बेन ने कहा “हम कितने गलत थे जो सिर्फ यह सोचकर पाटीदार समाज भाजपा को वोट करता है, इसलिए हम भी भाजपा को वोट करते रहे। हमारे ऊपर आई तो पता चला हम कितने गलत थे।”

किरीट पटेल के अपराधियों को भले ही पुलिस और राज्य सरकार बचा रही हो लेकिन पाटीदार समाज धीरे धीरे गोलबंद हो रहा है। 15 अगस्त के दिन पाटीदार समाज की महापंचायत है। जिसमें किरीट पटेल को न्याय दिलाने की रणनीति बनेगी। संभवतः एक बार फिर पाटीदारों द्वारा एक बड़ा आंदोलन देखने को मिले।

(गुजरात से कलीम सिद्दीकी की रिपोर्ट।)

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