प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के जिला सुल्तानपुर के बल्दीराय थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर में दुर्गा पूजा विसर्जन शोभायात्रा के दौरान हुये सांप्रदायिक बवाल के बाद यूपी पुलिस प्रशासन एकतरफा कार्रवाई पर उतारू है। अब तक हुई कार्रवाई में हिरासत में लिए गये सभी आरोपित मुस्लिम समुदाय से हैं। गांव की मुस्लिम स्त्रियों व बच्चों को रोने बिलखने और न्याय की गुहार लगाने के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं।
क्या है घटना
10 अक्टूबर को बल्दीराय थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर में दुर्गा पूजा विसर्जन शोभायात्रा जब एक मस्जिद के पास पहुंची, तब अजान का समय होने का हवाला देते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने डीजे की आवाज़ कम करने को कहा, जिसको लेकर दोनों समुदायों के बीच विवाद बढ़ गया और पथराव शुरू हो गया। इस घटना में दो सिपाही समेत लगभग 8 लोग घायल हुए।
प्रत्यक्षदर्शियों व स्थानीय लोगों के मुताबिक मस्जिद के सामने जुलूस एक घंटे से ज़्यादा समय तक खड़ा रहा। लोग हुड़दंग करते रहे, डीजे पर जय श्री राम का हिंसक उद्घोष होता रहा लेकिन पुलिस तमाशबीन बनी रही। आखिर पुलिस ने जुलूस को आगे क्यों नहीं बढ़वाया ये बड़ा सवाल बन जाता है।
जमीअतुल उलेमा ए हिन्द के मौलाना मोहतरुल इस्लाम का कहना है कि, इब्राहिमपुर वल्लीपुर में मूर्ति विसर्जन के दिन अजान के वक्त डीजे बज रहा था। विसर्जन के लिए मूर्ति जा रही थी लेकिन मस्जिद के पास रोककर एक घंटे तक डीजे बजाया गया तो उस पर मुस्लिम लोगों ने कहा कि भाई यहां से आगे कर लो और हम लोग नमाज पढ़ लें लेकिन कोई माना नहीं और तू-तू, मैं-मैं शुरू हो गयी, फिर पथराव शुरू हो गया और मामला बढ़ गया।
घटना की जो प्राथमिक पृष्ठभूमि ऊपर बतायी गयी है उसकी अक्षरशः पुष्टि सीओ राजाराम चौधरी के बयान से होती है। मामूली कहासुनी के बाद लोग एक दूसरे पर पत्थर फेंकने लगे जिससे स्थिति बिगड़ गई। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इलाके में पुलिस ने पैदल मार्च किया।
जिलाधिकारी रवीश गुप्ता और पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा घटनास्थल पर पहुंचे थे। घटना के बाद का इस मामले में सीओ राजाराम चौधरी का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वो हिंदू मॉब को संबोधित करते हुये कह रहे हैं कि जो भी लोग दुर्गा माता की बारात पर ये दुस्साहस किये हैं, उन्हें मिट्टी में मिला दूंगा। उनके घर बुल्डोजर चलवाऊंगा….उनको चुन-चुन के मारूंगा।” सीओ राजाराम चौधरी के बयान से उनके सांप्रदायिक पूर्वाग्रह का पता चलता है।
एकतरफा कार्रवाई कर रहा प्रशासन
कार्रवाई के नाम पर सांप्रदायिक हो चुकी यूपी पुलिस एकतरफा कार्रवाई करते हुये मुस्लिम समुदाय के लोगों को प्रताड़ित कर रही है। मुस्लिम घरों की नाप हो रही है। इस पूरे मामले में सोमवार को घटना के दिन से लेकर आज तक बल्दीराय पुलिस ने 32 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। साथ ही जिला प्रशासन ने क़स्बे में मदरसा संचालक सहित 5 लोगों को अवैध अतिक्रमण करने के आरोप में नोटिस भी भेज दिया है, साथ ही लाखों रुपये जुर्माना अदा करने का निर्देश दिया है।
पुलिस और प्रशासन की इस कार्रवाई को पीड़ित लोग एकतरफा बता रहे हैं।
जमीअतुल उलेमा ए हिन्द के मौलाना मोहतरुल इस्लाम की अगुवाई में मुस्लिम समुदाय के लोग जिलाधिकारी से निष्पक्ष कार्रवाई का मांग करने पहुंचे। मौलाना ने कहा है कि, शुरुआत किसी भी तरफ से आती है लेकिन जब होता है तो दोनों तरफ से होता है। उसके बाद मस्जिद की चटाइयां जलाई गईं, मस्जिद की टोटियां तोड़ी गईं, मदरसे में भी नुकसान पहुंचाया गया है। प्रशासन के जाने के बाद मामला शांत हुआ लेकिन अब जो कार्रवाई हो रही है इसमें जो 51 लोग हैं वे सारे के सारे मुस्लिम हैं। अज्ञात लोगों को भी अरेस्ट किया जा रहा है। दोनों तरफ से कार्रवाई होनी चाहिए, हम इन्साफ चाहते हैं।
मुस्लिम समुदाय के लोगों के मुताबिक बवाल दोनों तरफ के लोगों ने किया लेकिन कार्रवाई एक तरफ से ही की जा रही है। इसी को लेकर दूसरे पक्ष के संभ्रांत लोगों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है। जुलूस के दौरान असलहा धारियों के बाबत पुलिस का कहना है कि वो बच्चों के खिलौने थे। वहीं जुलूस में शामिल बच्चों के हाथों में तलवारों के बारे में पूछने पर पुलिस ख़ामोश है।
(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)