Thursday, April 18, 2024

माले नेताओं ने किया सारण का दौरा, कहा- गहरी साजिश का नतीजा है मॉब लिंचिंग की घटना

पटना। बिहार के सारण में हुई लिंचिंग की घटना किसी बड़ी साजिश का नतीजा है। यह बात घटनास्थल के दौरे से लौटी सीपीआई एमएल की जांच टीम ने कही है। माले विधायक सत्यदेव राम के नेतृत्व में एक टीम घटनास्थल पर गयी थी। टीम ने लोगों से बातचीत कर पूरे मामले का जायजा लिया। गौरतलब है कि 19 जुलाई को सारण में तीन व्यक्तियों और वैशाली में एक शख्स की लिंचिंग के जरिये हत्या कर दी गयी थी।

माले नेताओं ने मृतकों के गांव पैगंबरपुर का दौरा किया। नेताओं की मानें तो मृतक के परिजनों से बातचीत के आधार पर जो तथ्य उभरकर सामने आए हैं, वे दूसरी ही कहानी की ओर इशारा कर रहे हैं। आप को बता दें कि इस मॉब लिंचिंग में राजू नट, विदेशी नट व ड्राइवर नौशाद की पशु चोरी के आरोप में पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।

मृतक राजू नट के पिता सफू नट ने जांच टीम को बताया कि वे लोग भैंस, पाड़ा अथवा अन्य पशुओं का कारोबार करते हैं। राजू नट पिठौरा गांव में पहले से ही खसी काटने का काम करता रहा है और उसे उस गांव के अधिकांश लोग पहले से ही जानते हैं। पिठौरा के मोतीलाल राम इस व्यवसाय में साथ देते हैं। उन्होंने ही 19 जुलाई की सुबह 4 बजे राजू व विदेशी नट को पिठौरा बुलाया था। जांच टीम को पता चला कि गांव में पहुंचते के बाद गाड़ी पर ही उन्हें पीट-पीट कर अधमरा कर दिया गया था। गांव के मुखिया व सरपंच के सामने भी उन्हें पीटा गया। उसके बाद सरपंच ने अपने घर में रखकर पुलिस को फोन किया। पुसिल के आने तक 2 लोगों की मौत हो चुकी थी और जबकि तीसरे शख्स ने अस्पताल के रास्ते में दम तोड़ दिया।

इस मामले में पिठौरा के मुख्यिा सहित 8 लोगों पर नामजद व 100 अज्ञात लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया है जिसमें 7 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। घटनास्थल पर गयी जांच टीम का कहना है कि पूरी घटना योजनाबद्ध प्रतीत होती है। लेकिन उसे पशु चोरी का रूप दे दिया गया और इस आड़ में तीन लोगों की हत्या कर दी गई। लोगों का कहना है कि अक्सर गांव में सुबह लोग जग जाते हैं। फिर गांव में गाड़ी लेकर प्रवेश करना और उस पर भैंस को चढ़ाने का प्रयास करना अटपटी बातें लगती हैं। लोगों को जगाने के लिए गाड़ी की आवाज ही पर्याप्त थी। फिर भैंस को गाड़ी पर चढ़ाने के लिए किसी ऊंची जगह की जरूरत थी। कुल मिलाकर पशु चोरी का आरोप एक कपोल कल्पना है।

जांच टीम के मुताबिक घटनाक्रम से ऐसा प्रतीत होता है कि गांव के मुखिया व सरपंच की योजना के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया है। लिहाजा भाकपा-माले ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच और सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की है। भाकपा माले ने इस बर्बर घटना के खिलाफ 21 जुलाई को सारण में प्रतिरोध मार्च ऐलान किया है। टीम के दूसरे सदस्य सारण के जिला सचिव सभा राय थे।

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