हरियाणा सिरसा के विधायक गोपाल कांडा द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान किसानों को ‘काली भेड़ें’ कहने से भड़के किसानों ने कल दोपहर उनके सिरसा स्थित ऑफिस के सामने पहुंचकर नारेबाजी की और पुतला दहन किया। किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता रणधीर जोधका ने कहा कि अगर गोपाल कांडा ने किसानों से माफी मांगते हुए विधानसभा में दिया अपना बयान वापस नहीं लिया तो उनका हाल पंजाब के अबोहर के भाजपा विधायक अरुण नारंग से भी बुरा होगा। गोपाल कांडा को गांव में नहीं घुसने देंगे। किसान प्रदर्शन के दौरान गोपाल कांडा के ऑफिस पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
इससे पहले 13 मार्च को किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके गोपाल कांडा को 15 दिन के अंदर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया था। जिस पर विधायक गोपाल कांडा ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने किसानों को नहीं बल्कि अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति करने वाले लोगों को काली भेड़ें कहा है।
किसान नेता रणधीर जोधका ने 13 मार्च शनिवार को जाट धर्मशाला में पत्रकार वार्ता में कहा था कि विधायक गोपाल कांडा ने अपना वजूद बचाने के लिए बीजेपी को सरेआम समर्थन दिया और आंदोलनरत किसानों को विधानसभा में ब्लैकशिप कहकर अपमानित करने का काम किया है। एक जनप्रतिनिधि को इस प्रकार की बातें शोभा नहीं देतीं। अगर 15 दिनों के अंदर गोपाल कांडा ने सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगी तो किसान उनके खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे। उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने देंगे। जोधका ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि के मुंह से इस प्रकार की अशोभनीय बातें सुनकर बड़ा दुख होता है। क्योंकि इन लोगों को जनता ने अपनी आवाज़ उठाने के लिए विधायक चुना है, लेकिन सत्ता में आने के बाद ये लोग जनता के बीच आना भी पसंद नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि वे गांव-गांव जाकर विधायक गोपाल कांडा द्वारा किसानों के लिए इस्तेमाल किए गए शब्दों को लेकर लोगों को जागरूक करेंगे और ऐसे लोगों को गांवों में न घुसने देने का आह्वान करेंगे।
सिरसा में किसानों से घिरे दुष्यंत चौटाला को एयरलिफ्ट किया गया
चुनाव के दौरान जिन किसानों के बीच जाने से नेताओं को डर भय कुछ नहीं लगता। विधायक मंत्री बनने के बाद वही किसान उनके इतने बड़े दुश्मन हो जाते हैं कि उनसे बचाने के लिए एयरलिफ्ट कराना पड़ता है।
दरअसल हरियाणा के उपमुख्यमंत्री व जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला के सिरसा प्रवास के दौरान किसानों ने उन्हें होली पर्व पर अपने समर्थकों के बीच मिठाई बांटने से रोका। किसानों के गुस्से को देखते हुए मंगलवार को दुष्यंत चौटाला के सिरसा से बाहर निकलने के लिए राज्य सरकार की ओर से हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट किया गया। चौटाला को भारी पुलिस फोर्स के साथ उनके आवास से निकालकर पुलिस लाइन में बने हेलीपैड तक ले जाया गया। किसानों ने जब पुलिस लाइन में दुष्यंत चौटाला को लेने आए हेलिकॉप्टर को देखा तो अलर्ट हो गए और एकत्रित होकर काले झंडे उठाए और विरोध जताते हुए पुलिस लाइन के मेन गेट तक पहुंच गए। आक्रोशित किसानों को रोकने के लिए पुलिस लाइन के इर्द-गिर्द भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
किसानों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स के ऊपर चढ़कर चौटाला को काले झंडे दिखाते हुए नारेबाजी की। आक्रोशित किसान हेलीपैड तक पहुंचने की जिद करते रहे मगर पुलिस ने जैसे-तैसे उनको रोक लिया।